बांग्लादेश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई हुई तेज, सरकार ने नो मास्क, नो सर्विस नीति को किया लागू

ढाका। बांग्लादेश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को अधिक तेज कर दिया गया है। सरकार ने नो मास्क, नो सर्विस (मास्क नहीं, सुविधा नहीं) नीति को लागू कर दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक ने फैसला किया कि किसी को भी मास्क के बिना कार्यालयों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

यह निर्णय लिया गया कि सभी कार्यालयों को देश में कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए नो मास्क, नो सर्विस कहते हुए नोटिस बोर्ड लगाने होंगे। इसके तहत सरकार ने फैसला किया है कि मास्क नहीं पहनने वाले लोगों को सरकार की तरफ से कोई सेवा नहीं दी जाएगी और ना ही बिना मास्क के कार्यालयों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। 

आधिकारिक समाचार एजेंसी बीएसएस की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को ढाका में कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को ब्रीफिंग करते हुए, कैबिनेट सचिव खंडेकर अनवारुल इस्लाम ने कहा कि सभी सार्वजनिक और निजी कार्यालयों, सामाजिक संस्थानों, हाट-बाजारों, शॉपिंग मॉल, अन्य प्रतिष्ठानों, शैक्षिक संस्थानों, मस्जिदों या अन्य पूजा स्थलों पर लोगों को देश में चल रहे कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए मास्क का उपयोग करना चाहिए। 

समुदाय के नेताओं को मास्क पहनने के अभियान में शामिल करते हुए, कैबिनेट सचिव ने कहा कि सरकार ने इस्लामिक विद्वानों और धार्मिक नेताओं से इमामों के माध्यम से सभी मस्जिदों में इसे प्रचारित करने के लिए कहा है।  

इस बीच, रविवार को बांग्लादेश में कोरोना वायरस से 23 लोगों की मौत हुई। इस तरह देश में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या 5,803 तक पहुंच गई है। कोरोना वायरस से संक्रमित कुल लोगों की संख्या रविवार को दर्ज किए गए 1,308 ताजा मामलों के साथ 3,98,815 हो गई है। 

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