चंडीगढ़। किसान बिलों के विरोध में पंजाब-हरियाणा के किसान 26 से 28 नवंबर तक दिल्ली मार्च निकाल रहे हैं। पंजाब से सटे हरियाणा बॉर्डर पर गुरुवार को हिंसक प्रदर्शन हुआ। पंजाब के प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पथराव किया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे।
क्यों हो रहा प्रदर्शन?
सितंबर में सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार एमएसपी हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।
दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर तैयारियां
दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस फोर्स के अलावा सीआरपीएफ की 3 बटालियन तैनात की गई हैं। पुलिस के मुताबिक, आने-जाने वाले हर वाहन पर नजर रखी जा रही है। होमगार्ड के जवान भी तैनात हैं। किसानों रैली को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो दोपहर 2 बजे तक बंद कर दी गई है। हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि किसानों को किसी कीमत पर हरियाणा में घुसकर माहौल खराब करने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे ब्लॉक कर दिया गया है।
एक लाख किसानों के जुटने का दावा
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के सैकड़ों किसान हरियाणा सीमा में प्रवेश कर गए हैं। हरियाणा सरकार ने पंजाब बॉर्डर सील कर दिया है। किसान संगठन का दावा है कि गुरुवार को यहां सीमा पर 1 लाख से ज्यादा किसान जुटेंगे।
इधर, बुधवार को चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर 15 किमी लंबा जाम लग गया। अम्बाला हाईवे पर इक_ा हुए राज्य के किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने उन पर पानी की बौछार भी की। यहां गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। यहां एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है और 100 से ज्यादा किसान नेता हिरासत में लिए गए हैं।
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