कोरोना पर काबू पाने के लिए 70% आबादी को वैक्सीन लगानी होगी : बिल गेट्स

बिल-मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रमुख बिल गेट्स का अनुमान है कि कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए दुनिया की 70% आबादी को वैक्सीन लगानी जरूरी है। हर व्यक्ति को दो डोज के हिसाब से दस अरब डोज की जरूरत पड़ेगी। इतनी वैक्सीन का निर्माण आसान नहीं है। दुनियाभर में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां हर साल अलग-अलग बीमारियों की करीब छह अरब डोज बनाती हैं।

गेट्स ने कहा- उत्पादन बढ़ाने का एक ही रास्ता है कि दूसरे स्रोतों से वैक्सीन के लिए करार किए जाएं। वैक्सीन का विकास करने वाली कंपनियां दूसरी दवा कंपनियों से समझौते कर सकती हैं। इस तरह का समझौता वैक्सीन बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी भारत की सीरम इंस्टीट्यूट से हुआ है। यह कंपनी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रही है।

फाउंडेशन के वार्षिक पत्र में माइक्रोसॉफ्ट के पूर्व फाउंडर गेट्स ने कहा कि सीरम ने वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है। यदि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को मंजूरी मिल गई, तो गरीब और मध्यम आय वर्ग के देशों में इसका डिस्ट्रीब्यूशन हो सकेगा। अगर वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिली, तब भी सीरम इंस्टीट्यूट को पूरा नुकसान नहींं उठाना पड़ेगा। हमारे फाउंडेशन ने भी इसमें पैसे का जोखिम उठाया है।

फाउंडेशन का सालाना पत्र हर वर्ष जनवरी में जारी होता है, लेकिन इस बार इसे दिसंबर में जारी किया गया है। पत्र में गेट्स ने कहा- बड़ी संख्या में वैक्सीन बनाने के लिए दूसरे विश्व युद्ध जैसी व्यवस्था सही होगी। उस समय बड़े पैमाने पर उत्पादन में माहिर ऑटोमोबाइल कंपनियों ने टैंक और अन्य सैनिक हथियार बनाए थे। गेट्स लिखते हैं, वैक्सीन के वितरण में मुश्किल आ सकती है। कुछ प्लांट में दस अरब वैक्सीन बनाना एक बात है, लेकिन उसे अरबों लोगों को लगाना बहुत बड़ा काम है।

गेट्स फाउंडेशन वैक्सीन के व्यापक और समान वितरण के लिए 16 दवा कंपनियों और अलग-अलग देशों की सरकारों के सहयोग से काम कर रहा है। वे लिखते हैं, 2020 में हुई वैज्ञानिक खोजें अनोखी हैं। इन खोजों से 2020 की तुलना में 2021 बेहतर होगा। इंसान ने किसी दूसरी बीमारी के मामले में इतना महत्वपूर्ण काम एक साल में पहले कभी नहीं किया, जैसा इस साल कोविड-19 के संबंध में किया गया है।