
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को अंतरिम राहत दी है और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट में संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश में राजद्रोह समेत कई आरोपों के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को इन मामलों में सांसद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्यसभा के सभापति से मंजूरी लेने से रोका नहीं जा रहा है। न्यायालय ने सिंह की उन दो याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले बयान मामले में दर्ज अनेक प्राथमिकियों को एक साथ करने और उन्हें रद्द करने का अनुरोध किया है।

ये प्राथमिकियां पिछले वर्ष 12 अगस्त को संजय सिंह द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाद दर्ज की गई थीं। संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार समाज के एक खास वर्ग की तरफदारी कर रही है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने सुनवाई के दौरान सिंह के वकील के कहा कि वह जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांट नहीं सकते।
संजय सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता विवेक तन्खा और सुमीर सोढ़ी ने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज करते वक्त प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और राज्य सभा के सांसद के खिलाफ कार्रवाई के लिए मंजूरी नहीं ली गई। इस पर पीठ ने कहा कि वह इस चरण में मंजूरी के पहलू पर गौर नहीं करेंगे लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सिंह के खिलाफ कोई अपराध नहीं लगाए गए हैं।
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