वसुंधरा राजे किसी ग्रुप की नहीं पूरे राजस्थान की मास लीडर, उन्हें इग्नोर करना ठीक नहीं

बीजेपी में कलह प्रतापसिंह सिंघवी बोले

  • मंत्री रहते हुए वसुंधरा राजे को देवी मानकर उनकी फोटो की पूजा करते थे सिंघवी
  • सिंघवी ने कहा, मैं तो अपनी नेता वसुंधरा राजे को मानता हूं
  • खास लोगों से पूछकर टिकट दिए जिसकी वजह से हार का मुंह देखना पड़ा: सिंघवी

जलतेदीप, जयपुर
बीजेपी के भीतर हाड़ौती सहित कई इलाकों में निकाय चुनाव में हुई हार के बहाने अब वसुंधरा राजे खेमे के नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया खेमे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजे समर्थक खुलकर अब उनकी अनदेखी पर सवाल उठा रहे हैं। वसुंधरा राजे के समर्थक विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने अब खुलकर राजे की अनदेखी पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद प्रतापसिंह सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा राजे किसी ग्रुप की नहीं पूरे राजस्थान की नेता हैं। यह राजस्थान की जनता जानती है। बीजेपी में कोई मास लीडर है तो वह वसुंधरा राजे हैं। मैं तो अपनी नेता वसुंधरा राजे को ही मानता हूं। मैं नहीं पूरा राजस्थान मानता है कि वसुंधरा राजे बीजेपी की सबसे बड़ी नेता है ,यदि उन्हें इग्नोर किया जाता है तो मैं समझता हूं कि पार्टी के लिए अच्छा नहीं है। सिंघवी ने निकाय चुनावों में बीजेपी की हार पर सवाल उठाते हुए कहा,शहरी क्षेत्रों में कोटा डिवीजन नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में बीजेपी हारी है।

कोटा किसी जमाने में जनसंघ और बीजेपी का गढ़ था,आज पूरा कोटा हार गए बूंदी हार गए। पार्टी संगठन को विचार करना चाहिए कि जहां सबसे ज्यादा मजबूत स्थिति में राजस्थान में है वहां पर ऐसे हालात क्यों बने। ऐसे हालातों के पीछे आपसी संवाद की कमी है। पुराने समय में जो जनप्रतिनिधि रहे हैं उन से चर्चा करनी चाहिए। सब लोगों से बात नहीं करोगे तो ऐसे ही स्थिति बनेगी।

मैं नहीं पूरा राजस्थान मानता कि वसुंधरा राजे भाजपा की सबसे बड़ी नेता है, यदि उन्हें इग्नोर किया जाता है तो मैं समझता हूं कि पार्टी के लिए अच्छा नहीं है। टिकटों में संवाद की कमी रही, विशेष लोगों से पूछ कर ही टिकट बांट दिया गया,उसका कारण है कि पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। बायस्ड लोगों को चुनाव में टिकट बांटने की जिम्मेदारी दीर गई। उल्लेखनीय है कि प्रतापसिंह सिंघवी सहित कोटा संभाग के वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं ने निकाय चुनावों में हुई हार पर कल ही पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर प्रदेश के नेताओं पर सवाल उठाए थे।