प्रदोष व्रत कल, माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि

कल यानी 24 फवरी 2020 को प्रदोष व्रत किया जाएगा। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। आज के दिन विधि-विधान के साथ शिव शंकर की पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर व्रत किया जाए तो व्यक्ति को सौ गायों के बराबर फल की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने किया था। यह व्रत करने से चंद्रदेव पर भोलेनाथ की कृपा हुई और वह क्षय रोग से मुक्त हो गए। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व।

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

माघ शुक्ल त्रयोदशी, 24 फरवरी 2021, बुधवार
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 24 फरवरी, बुधवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 25 फरवरी, गुरुवार को शाम 05 बजकर 18 मिनट पर।

प्रदोष व्रत का महत्व

इस व्रत को जो व्यक्ति करता है उसे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि त्रयोदशी तिथि में भगवान शिव काफी प्रसन्न मुद्रा में होते हैं। प्रदोष व्रत के दौरान मान्यता है कि इस दिन शाम के समय भोलेशंकर कैलाश पर्वत पर अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। इस दिन शिवजी के मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दिन व्रत करने से शिव जी की कृपा हमेशा भक्तों पर बनी रहती है। साथ ही व्रती के सभी दुख भी समाप्त हो जाते हैं।

Advertisement
Advertisement