
कोरोना के असर से शिक्षा क्षेत्र भी अछूता नहीं है। अमेरिका में उच्च शिक्षा बहुत महंगी है, ऐसे में महामारी के कारण उपजे हालात से गरीब छात्रों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि लोन की किश्त और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य खर्चों को निकालने में उन्हें परेशानी आ रही है।
कुछ मामलों में ऐसे खर्च करीब साढ़े सात लाख रुपए तक हैं। ट्रिनिटी विश्विद्यालय की अध्यक्ष पेट्रीसिया मैकगायर के अनुसार लगभग दो हजार छात्रों ने पिछले एक दशक में वित्तीय चुनौतियों के कारण पढ़ाई छोड़ी है। यह संख्या कॉलेज के कुल नामांकन के लगभग बराबर है।
अब कोरोना ने स्थिति को और अधिक बिगाड़ दिया है। लेकिन बाइडेन प्रशासन के ‘अमेरिका रेस्कयू प्लान के तहत कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने छात्रों की पढ़ाई जारी रखवाने का रास्ता खोज लिया है। कॉलेज प्रोत्साहन फंड के जरिए गरीब छात्रों के पढ़ाई के अतिरिक्त खर्च समायोजित किए जा रहे हैं।

कैथोलिक विश्वविद्यालय ने 17 करोड़ रुपए का उपयोग प्रोत्साहन फंड के तौर पर गरीब छात्रों के लिए किया है। इस तरह न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने घोषणा की है कि सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के छात्रों के 927 करोड़ रुपए माफ किए जाएंगे।