कोरोना के संकट के बीच श्रमिकों को तनाव से दूर रखने के लिए आगे आई गहलोत सरकार

Gehlot government will go to door to door counseling
Gehlot government will go to door to door counseling

जयपुर
कोरोना के संकट के बीच राजस्थान में चल रहे लॉकडाउन दौरान अशोक गहलोत सरकार श्रमिकों को लेकर खासी चितिंत है।

अशोक गहलोत सरकार के श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली की माने तो लॉकडाउन के दौरान राज्यभर के श्रमिक विशेष तौर पर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार को लेकर किसी तरह का तनाव ना हो इसके लिए श्रम विभाग के अधिकारी रोजगार के विषय पर श्रमिकों की डोर टू डोर जाकर काउंसिलिंग करेंगे।

श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने इस संबध में विभाग के अधिकारियों को विशेष निर्देश भी दिए है।

गहलोत सरकार श्रमिकों की डोर टू डोर जाकर काउंसिलिंग करेगी

ऐसे करेंगे तनाव मुक्त
मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन के दौरान श्रमिक और विशेष तौर पर प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के विषय पर काउंसिलिंग किए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

श्रम राज्य मंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से राज्य में लॉक डाउन घोषित होने से औद्योगिक/व्यावसायिक संस्थान तथा छुटपुट कार्य बंद होने के कारण स्थानीय तथा अप्रवासी श्रमिकों का कार्य पर आना बंद हो गया है।

उन्होंने बताया कि अब प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न शेल्टर होम्स में रखने व अस्थाई रूप से बेरोजगार होने का मानसिक भार पड़ा है। ऐसी स्थिति में शेल्टर होम्स में रह रहे श्रमिकों की काउंसिलिंग की जाना अति आवश्यक है।

श्रमिकों को बेरोजगार होने का मानसिक भार पड़ा है।

जूली ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए शेल्टर होम्स में रखे गए श्रमिकों का हाल चाल जानने एवं उन्हें मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त होने की स्थिति में उनकी उचित काउंसलिंग कर उन्हें श्रम विभाग एवं राज्य सरकार द्वारा उनके कल्याणार्थ उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी देने हेतु संभाग व जिला स्तरीय श्रम अधिकारी तथा श्रम निरीक्षक इन शेल्टर होम्स का दौरा करेंगे। इस दौरान कोरोना से बचने हेतु समस्त सुरक्षा उपायों यथा सोशल डिस्टेंसिंग/मास्क पहनना,सैनिटाइजेशन आदि की पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित की जाएगी।

आर्थिक सहायता भी दी
श्रमिकों को लेकर सरकार लॉकडाउन की शुरुआत से ही चितिंत रही है।राजस्थान में सरकार ने पहले से ही करीब 15.78 लाख श्रमिकों को तात्कालिक आर्थिक सहायता जारी की गई।

यह राशि सीधे ही श्रमिकों और मजदूरों को खाते में भेजी गई।वही प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्यभर में कैम्प,शेल्टर होम बनाए गए है।

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जहां सरकार ने रहने खाने की इंतजाम किए है।इसके अलावा निकायों के माध्यम से श्रमिकों के घर में सुखा राशन भी भिजवाया जा रहा है।