बनेगा एक किमी लंबा फोरलेन स्टील केबिल ब्रिज
जेडीए ने खाका खींचा, 150 करोड़ का प्लान तैयार
राजधानी के जेएलएन मार्ग पर दिनों दिन बढ़ रहे यातायात जाम से जल्द लोगों को राहत मिलेगी। जेडीए ने यहां एक किलोमीटर लंबा फोरलेन स्टील केबिल ब्रिज बनवाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए करीब 150 करोड़ रुपए का खाका भी तैयार कर लिया गया है। योजना में इस मार्ग के सभी चौराहों को सिग्नल फ्री करना भी शािमल है। जानकारी के मुताबिक जेडीए यहां 600 मीटर से 1 किलोमीटर लंबा फोरलेन स्टील केबिल स्टेड ओवरब्रिज बनाने की तैयारी कर रहा है। साथ ही 2 क्लोवर लीफ (ग्राउंड पर सर्किल) बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए डिजाइन बनाने का काम चल रहा है। जल्द ही डिजाइन बनने के बाद टेंडर जारी किए जाएंगे। संभावना है कि 2-3 महीने में काम शुरू हो सकता है।
जयपुर का पहला स्टील केबिल स्टेड ब्रिज होगा।
जेडीए कमिश्नर रवि जैन के अुनसार सिग्नल फ्री जंक्शन के तहत ओटीएस पर काम कराया जाएगा। जेएलएन मार्ग पर ट्रैफिक का सबसे ज्यादा दबाव इसी चौराहे पर रहता है। यहां गाडिय़ों की संख्या इतनी ज्यादा रहती है कि दो लाइट होने के बाद ही जंक्शन को क्रॉस करने का नंबर आता है। यहां एक ओवरब्रिज बनाया जाएगा, जबकि जलधारा और ओटीएस परिसर के पास दो क्लोवर लीफ बनाए जाएंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 150 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
यूं बनाया जा रहा है प्लान
जेएलएन मार्ग पर मालवीय नगर रेलवे ओवरब्रिज से गांधी सर्कल की तरफ आने-जाने वाले ट्रैफिक के लिए ओटीएस चौराहे पर स्टील केबिल स्टेड ब्रिज बनाया जाएगा। भास्कर पुलिया की तरफ से आने वाला ट्रैफिक जो मालवीय नगर रेलवे ओवरब्रिज की तरफ जाना चाहता है, उसके लिए ओटीएस परिसर की तरफ एक क्लोवर लीफ बनाया जाएगा। सूचना आयुक्त ऑफिस की तरफ से आने वाला ट्रैफिक जो ओटीएस पुलिया की तरफ जेएलएन मार्ग पर जाना चाहता है उसके लिए जलधारा के पास क्लोवर लीफ बनाया जाएगा।
क्या है इस ब्रिज की खासियत
स्टील केबिल स्टेड ब्रिज में पुलिया के नीचे पिलर नहीं होंगे। इसमें लगने वाले बड़े-बड़े स्पैन को दो पिलर पर बनाए गए केबिल स्टैंड के जरिए हुक किया जाएगा। इस कारण इस ब्रिज पर जॉइंट भी सामान्य ओवरब्रिज या एलिवेटेड रोड के मुकाबले कम होंगे। इनके नीचे खुला स्पेस भी ज्यादा होगा। विशेषज्ञों की मानें तो केबिल ब्रिज का यूटिलिटी टाइम भी सामान्य ब्रिज से ज्यादा होता है। एक सामान्य ब्रिज 50-60 साल बाद खराब हो जाता है और उसे तोडऩा पड़ता है, जबकि केबिल ब्रिज का यूटिलिटी टाइम 70-80 साल होता है। जयपुर में अभी बीटू बाइपास को सिग्नल फ्री करने का काम चल रहा है। यहां जेडीए ने अंडरपास बनाने का काम शुरू कर दिया है। ईपी रोड पर फेसेलिटी लाइनों को शिफ्ट करने के बाद अब अंडरपास रिटेनिंग वॉल का काम शुरू किया जा रहा है। इस चौराहे पर जेडीए एक अंडरपास के अलावा दो एलिवेटेड क्लोवर लीफ भी बनवाएगा, जो टोंक रोड पर दोनों तरफ बनेंगे। इसी तरह लक्ष्मी मंदिर तिराहे को भी सिग्नल फ्री करने के लिए नेहरू पैलेस के पास अंडरपास बनाने का काम शुरू कर दिया है।
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