263 साल पहले लगा पौधा तेरापंथ के रूप में वटवृक्ष बना

तेरापंथ का स्थापना दिवस

तातेड़ गेस्ट हाऊस में साध्वी जिनबाला आदि ठाणा-4 के सान्निध्य में तेरापंथ स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का मंगलाचरण जगदीश धारीवाल ने किया। समाज के सभी वरिष्ठ श्रावकों द्वारा गीतिका का संगान किया गया।
अणुव्रत समिति अध्यक्ष सुधा भंसाली ने तेरापंथ में 13 अंक की महत्ता को समक्ष रखा। सुदर्शन भंसाली ने मुक्तक के माध्यम से तेरापंथ की विलक्षणता को बताया। साध्वी महकप्रभा द्वारा गीतिका का संगान किया गया।
साध्वी भव्य प्रभा ने कहा कि आज ही के दिन 263 वर्ष पूर्व आचार्य भिक्षु द्वारा तेरापंथ धर्मसंघ की स्थापना की गई थी, जो धीरे धीरे फलवान होता हुआ आज एक वट वृक्ष का रूप ले चुका है।
साध्वी करुणाप्रभा ने कहा कि आचार्य भिक्षु क्रांति के सूत्रधार थे। उनके द्वारा संवत् 1815 में की गई क्रांति ने तेरापंथ जैसे अनुशासित धर्मसंघ की स्थापना कर दी।
साध्वी जिनबाला ने कहा कि तेरापंथ स्थापना दिवस का सुअसवर है। लगभग 263 वर्ष पूर्व सुदृढ़ संघ की नींव रखी गई थी। यह संघ चलेगा या नहीं, फलेगा या नहीं, शायद इसका किसी को आभास नहीं रहा होगा। पर जो मर्यादा उस समय आचार्य भिक्षु ने बनाई, जो संघनिष्ठा उस समय भिक्षु ने जमाई, जो आचार उस समय मान्य किए, उन्हीं का परिणाम है कि धर्मसंघ इस रूप में आज खड़ा है।

संचालन ऋषभ लुंकड़ ने किया।

साध्वी करुणाप्रभा ने बताया तेरापंथ स्थापना दिवस पर 250 प्रत्याख्यान का लक्ष्य रखा था, जिसकी जगह 300 से अधिक व्यक्तियों ने प्रत्याख्यान किए। सायंकालीन सत्र में श्रद्धालुओं द्वारा चातुर्मास प्रारंभ होने से पूर्व चातुर्मासिक पक्खी पर प्रतिक्रमण किया गया।

भक्ति संध्या : तेयुप भजन मण्डली

भक्ति संध्या का आयोजन मेघराज तातेड भवन में हुआ। साध्वी जिनबाला के सान्निध्य में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में तेरापंथ युवक परिषद, सरदारपुरा की भजन मण्डली द्वारा भजन पेश किए गए। भजन मंडली के सदस्य सुनील बैद के साथ जगदीश धारीवाल, सभा सरदारपुरा अध्यक्ष सुरेश जीरावला, उपाध्यक्ष विनय तातेड़, अशोक तातेड़, तेयुप अध्यक्ष महावीर चौधरी, उपाध्यक्ष कैलाश जैन, मंत्री निर्मल छल्लाणी, उम्मेद कोठारी, सुमेर तातेड, नवरतन बैद, भूपेश तातेड़, राहुल छाजेड़, सौरभ बाफना, ऋषभ श्यामसुखा, सुधा भंसाली ने भी भजनों की प्रस्तुतियां दीं। साध्वी महकप्रभा ने सुमधुर गीतिका का संगान किया।

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