
पीजी कोर्सेज की सीटों में 93 फीसदी इजाफा
देश में बीते सात सालों से मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2014 के बाद से देश में यूजी मेडिकल कोर्सेज की सीटें करीब 75 फीसदी बढ़ी हैं तो वहीं, पीजी कोर्सेज की सीटों में 93 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह एक उपलब्धि है। केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में एक लिखित प्रश्न के जवाब में राज्यसभा में बताया गया कि अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल सीटों की संख्या 2014 से पहले 51,348 थी, जोकि अब बढ़कर 89,875 हो गई हैं। जहां यूजी सीटों की संख्या में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और वहीं, इसी अवधि के दौरान स्नातकोत्तर सीटों की संख्या में 93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 2014 के पहले तक 31,185 थी जोकि अब बढ़कर 60,202 हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी बताया था कि जो भारतीय छात्र एमबीबीएस करने और विदेशी चिकित्सा योग्यता प्राप्त करने के लिए विदेश जाते हैं, उन्हें भारत में चिकित्सक के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए एफएमजीई यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम क्वालीफाई करना होता है।
157 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए
मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश में डॉक्टरों की उपलब्धता को और बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंडाविया ने कहा कि सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए जिला/रेफरल अस्पतालों को अपग्रेड करके नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए कदम उठाए गए हैं।
केंद्र सरकार की योजना के तहत 157 नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं और 71 पहले से ही कार्यरत हैं। इनमें एमबीबीएस और पीजी सीटों को बढ़ाने के लिए मौजूदा राज्य सरकार या केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों के सुदृढ़ीकरण या एडवांसमेंट के लिए केंद्रीय योजना और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के एडवांसमेंट के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं भी शामिल हैं।
75 परियोजनाओं को मंजूरी, 55 को पूरा किया
मंडाविया ने कहा था कि कुल 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और 55 को पूरा किया गया है। केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत नए एम्स की स्थापना के लिए 22 एम्स को मंजूरी दी गई है। उनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो चुके हैं। इसके अलावा, देश में संबद्ध चिकित्सा सीटों की संख्या में तेजी से वृद्धि के लिए, सरकार ने संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायों के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीएएचपी) अधिनियम, 2021 को बनाया गया है।
यह भी पढ़ें : आईआईटी में बढ़ रही लड़कियों की संख्या!