राजस्थान के रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण में केन्द्र सरकार करें न्यायसंगत व्यवहार- सांसद नीरज डाँगी

MP Neeraj Dangi
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 जयपुर । सांसद नीरज डाँगी ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से सदन में ग्रामीण क्षेत्रों वाले रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण, आबंटित धनराशि, लक्ष्य एवं वर्तमान में कार्य की प्रगति से संबंधित प्रश्न उठाते हुए रेल मंत्रालय द्वारा राजस्थान में किये जाने वाले व्यय, आदर्श स्टेशन योजनान्तर्गत विकसित किये जाने वाले रेलवे स्टेशनों की जानकारी मांगी। इस पर रेल मंत्री द्वारा सदन में अवगत कराया गया कि राजस्थान के 05 स्टेशनों को आधुनिकीकरण हेतु चिन्हित किया गया है तथा 04 स्टेशन यथा बीकानेर, पाली, मारवाड, अजमेर और आबूरोड़ के इस योजना में तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन हेतु चिन्हित किया गया है, जिसे डाँगी ने पांच रेलवे जोन वाले इतने बड़े व अनेक पर्यटक स्थलों वाले प्रदेश में अत्यधिक कम बताते हुए इसका दायरा और आबंटित राशि को बढ़ाने की मांग की।


डाँगी द्वारा उठाये गये प्रश्न के प्रत्युत्तर में रेल मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण/उन्नयन/संवर्द्धधन के कार्यों हेतु राजस्थान के पाँच रेलवे जोन पश्चिम रेलवे, उत्तर-मध्य रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे उत्तर रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे में पिछले तीन वर्षों के दौरान वर्ष 2019-20 में 636.42 करोड़, वर्ष 2020-21 में 901 करोड़, वर्ष 2021.22 में 697.59 करोड़ राशि व्यय की गई जबकि वर्ष 2022-23 में कुल आबंटित 887 करोड़ में से अब तक 109 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके है राजस्थान के 40 स्टेशनों को आदर्श स्टेशन योजना के अंतर्गत चिन्हित किया गया जिसमें से 39 स्टेशन इस योजना में विकसित किये गये हैं तथा 01 स्टेशन नामतः डाकनियातालाव को अब इस योजना में पुनर्विकास के लिये चिन्हित किया गया है।

कोटा, जयपुर, गांधीनगर, उदयपुर सिटी, जोधपुर और जैसलमेर स्टेशनों को भी मेजर अपग्रेडेशन स्कीम के अंतर्गत चिन्हित किया गया, और 4 अन्य स्टेशनों बीकानेर, पाली, मारवाड, अजमेर और आबूरोड को तकनिकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन के लिये चिन्हित किया गया है, जहां पर चरणबद्ध कार्य शुरू किया जायेगा।सांसद

डाँगी ने सदन में बोलते हुए कहा कि राजस्थान एक पर्यटक स्थलों वाला प्रदेश है तथा यहां के स्टेशनों का आधुनिकीकरण किये जाने से रेलवे की आमदनी में भी वृद्धि होगी, परन्तु फिर भी केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के 06 स्टेशनों को चिन्हित किया जाना व चिन्हिकरण किये जाने हेतु 04 अन्य रेलवे स्टेशनों के अध्ययन की योजना बनाना राजस्थान के लिये न्यायसंगत नहीं है। इसलिए इसका दायरा और आंवटित राशि को बढ़ाया जावे।