लॉकडाउन ने तनिष्का को तोड़ दिया था…

तनिष्का
तनिष्का

बनना चाहती हैं न्यूरो या कैंसर स्पेशलिस्ट

नीट टॉपर के सस्सेस की कहानी उनकी जुबानी

जयपुर। बीती रात बुधवार को जारी हुए नीट यूजी के नतीजे में जयपुर की तनिष्का ने देश में परचम लहराया हैं। उन्हें 720 में से 715 नम्बर मिले हैं। हालांकि उन्हें पढ़ाई के दौरान संघर्ष करना पड़ा। सबसे ज्यादा दिक्कतें उन्हें कोरोना के वक्त लॉकडाउन में आ गई थी। लॉकडाउन की घोषणा ने उन्हें बुरी तरह तोड़ डाला था, लेकिन परिजनों ने उनकी हिम्मत को बरकरार रखा। इसमें शिक्षकों की भूमिका काफी अहम रही। तनिष्का हरियाणा की रहने वाली हैं।

तनिष्का
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ऑल इंडिया टॉपर तनिष्का ने कहा कि मैं बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहती हूं। क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आप दूसरों की मदद करके खुद को स्थापित कर सकते हैं। मैंने 11वीं क्लास से तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन, लॉकडाउन की वजह से ऑफलाइन स्टडी नहीं हो पाई। उस वक्त मुझे काफी प्रॉब्लम आई। मेरा कॉन्फिडेंस भी थोड़ा डाउन हो गया था। फिर 12वीं में ऑफलाइन स्टडी के दौरान टीचर से प्रॉब्लम्स के सॉल्यूशन समझे और कॉन्फिडेंस बिल्डअप हुआ। इसका फायदा मुझे एग्जाम में मिला।

पेरेंट्स ने कभी मुझे पढ़ाई को लेकर दबाव नहीं बनाया, बल्कि हमेशा मोटिवेट किया। कोचिंग और स्कूल के अलावा मैं हर दिन 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी करती थी। हर दिन जो पढ़ाया जा रहा है, उसका रिवीजन करना बहुत जरूरी है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे आपको रिवीजन करना चाहिए। यही सक्सेस का मूल मंत्र है।

शुरू से ही पढऩे में रहीं अव्वल

तनिष्का
तनिष्का

तनिष्का ने 12वीं 98.6 प्रतिशत और 10वीं 96.4 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। जेईई मेन्स में 99.50 पर्सेंटाइल हासिल किया। तनिष्का दिल्ली एम्स से कार्डियो, न्यूरो या ऑन्कोलॉजी (कैंसर) में स्पेशलाइजेशन करना चाहती हैं। उनके पिता कृष्ण कुमार गवर्नमेंट टीचर हैं। मां सरिता कुमारी भी सरकारी स्कूल में लेक्चरर हैं। 3 भाई-बहनों में सबसे बड़ी तनिष्का का परिवार हरियाणा के नारनौल में रहता है।

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