महिला स्वयं सहायता समूह को जन-आन्दोलन बनाना हमारा उद्देश्य : रमेश मीना

जयपुर। इन्दिरा गांधी पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में राजीविका द्वारा गठित संकुल स्तरीय संगठन सीएलएफ की दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीना द्वारा किया गया। मंत्री मीना ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह को जन-आन्दोलन बनाना हमारा उद्देश्य है। महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना ही उनके सशक्तिकरण का सबसे अच्छा तरीका है। हमें सबसे पहले गरीबों का चिन्हीकरण करना चाहिए फिर उन्हें ऑर्गेनाईज कर उनकी दक्षता का विकास करने के प्रयास करने चाहिए। गरीब महिलाओं को पूंजी प्राप्ति के लिए रास्ता दिखाना होगा तथा फिर उन्हें आजीविका की राह दिखाकर उनकी सामाजिक बुराईयों से लड़ने की क्षमता बढ़ाना होगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि सीएलएफ का उद्देश्य राजीविका के माध्यम से जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन से जुड़कर गरीब परिवारों का आर्थिक व सामाजिक विकास करना है। लगभग 3 से 4 हजार गरीब परिवार एक सीएलएफ से जुड़े हैं। सीएलएफ का प्रमुख उद्देश्य समुदाय के बीच में स्वामित्व की भावना पैदा करना, अपनी संस्थाओं की स्वयं निगरानी करना तथा जो सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं गरीबी दूर करने के लिए काम कर रही हैं, उनसे अभिसरण कर अधिक से अधिक गरीबों के यहां काम करवाना होना चाहिए। उन्होंने आदर्श सीएलएफ पर चर्चा करते हुए कहा कि कोई भी संकुल स्तरीय संगठन जब तक आदर्श नहीं कहा जा सकता जब तक उसके क्षेत्र में आने वाले 90 प्रतिशत गरीब परिवार स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ जाएं । उन्होंने कहा कि समूह का प्रतिनिधित्व भी कम से कम 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति अथवा जनजाति के सदस्यों से होना चाहिए।
मीना ने कहा कि सीएलएफ का अपना कार्यालय भवन नहीं होना भी एक समस्या है। अभी 474 सीएलएफ किराये के भवन में चल रहे हैं। इसके लिए हमने विधायक तथा सांसद  राशि से एवं कन्वर्जेन्स के माध्यम से 25-25 लाख के भवन निर्माण हेतु दिशा-निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत राज्य में स्वीकृत 145 परियोजनाओ जो 28 जिलो में चलाई जायेगी, उसकी आजीविका गतिविधियो की राशि 124 करोड़ रूपये भी राजीविका को हस्तांरित करने की कार्यवाही की जा रही है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि राजीविका के माध्यम से लगभग 39 लाख गरीब महिलाएं 2 लाख 97 हजार समूह के माध्यम से जुड़ी हुई हैं। सरकार द्वारा गरीबों के लिए विगत 4 वर्ष में अनेक योजनाएं लागू की हैं। यदि एस.एच.जी. की सभी महिलाओं को इन योजनाओं का लाभ मिलता है तो भी यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह उत्पादों को अमेजन, फ्लिपकार्ट, आदि कम्पनियों पर बिक्री हेतु अपलोड करने के प्रयास किये जायें।