शहरों के इतिहास से आमजन को जोड़ने की आवश्यकता : विश्वेंद्र सिंह

Vishvendra Singh

जयपुर। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे शहर हैं, जो अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए हैं। आवश्यकता है, शहरों के इतिहास को आमजन से जोड़ने और उसको बढ़ावा देने की। राजस्थान अपने समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक स्थलों, प्रसिद्ध मंदिरों, प्राचीन दुर्गों, महलों, स्वादिष्ट व्यंजन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाए हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। साथ ही  राज्य सरकार प्रदेश की लोक कला को बढ़ावा एवं लोक कलाकारों को आर्थिक संबल देने के लिए प्रतिबद्ध है।

पर्यटन मंत्री सिंह ने पर्यटन भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने एक ओर जहां पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है, वहीं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण पर्यटन योजना एवं राजस्थान को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाने के लिए राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति लागू की है, ताकि प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिले, साथ ही स्थानीय लोगों रोजगार के नए अवसर भी मिल सके।

पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा लोक कला एवं संस्कृति को नई पहचान और प्रमोट करने के लिए विभाग द्वारा ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जा रहा है। लोक कला और स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में ऐसे आयोजन करवाए जायेंगे, ताकि वहां के लोक कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नवीन द्वार खुलेंगे।

प्रभा खेतान फाउंडेशन की को- डायरेक्टर अपरा कुच्छल ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग और प्रभा खेतान फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर स्थित राजपूताना शेरेटन होटल  में 19 व 20 फरवरी को दो दिवसीय साहित्योत्सव ‘शहरनामा:- कहानी अपने शहरों की’ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस साहित्योत्सव में उन लेखकों से चर्चा होगी जिन्होंने देश के ख्यातनाम शहरों पर किताबें लिखी हैं। साथ ही जयपुर, जोधपुर, पुष्कर, लखनऊ सहित देश में कई ऐसे कई शहर हैं जो अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए हैं, इन शहरों पर किताब लिखने वाले लेखक अपने- अपने शहरों से जुड़ी यादें, किस्से, कला संस्कृति, खानपान, पुरामहत्व व प्राचीन इमारतों के बारे में बात करेंगे और अपने अपने अनुभवों लोगों से साझा करेंगे। साथ ही लोक कलाकार और सूफी गायक अपनी शानदार प्रस्तुतियों से महफिल में चार चांद लगाएंगे।