
इन्फ्लैमेटरी बाउल रोग (आईबीडी), एक पुरानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थिति है जो जीवनभर तक चलती है। आंतों (आंतों) सहित पाचन तंत्र के विभिन्न हिस्सों में कुछ स्थितियों में सूजन, सूजन और अल्सर हो जाते हैं। यह सूजन पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और अपशिष्ट के उन्मूलन के प्राकृतिक कार्यों में हस्तक्षेप करती है। प्रत्येक व्यक्ति का शरीर एक अलग प्रकार का होता है; कुछ लोगों को न्यूनतम फ्लेयर-अप के साथ हल्की स्थिति का सामना करना पड़ता है, जबकि अन्य को अधिक गंभीर विकार होते हैं। वर्तमान में आईबीडी का कोई इलाज नहीं है, हालांकि दवाएं और दुर्लभ मामलों में सर्जरी लक्षणों से दीर्घकालिक राहत प्रदान कर सकती है।
पूरी दुनिया में आज यानी 19 मई को विश्व इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने का मकसद सभी को आईबीडी के प्रति जागरुक करना है। दुनिया भर में लोग भारी मात्रा में अनहेल्दी फूड्स खा रहे हैं, जिससे ये समस्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में आंतों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता जा रहा है।
हालांकि, आईबीडी में जहां कुछ विशेष आहार आपकी मदद कर सकते हैं, वहीं इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए अब तक किसी खास डाइट प्लान को मान्यता नहीं दी गई है। इसलिए सूजन आंत्र रोग के मरीजों के लिए डॉक्टर की सलाह से अपनी लाइफस्टाइल और फूड हैबिट्स में कुछ बदलाव करना मददगार हो सकता है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं या फिर डाइटिशियन से अपना डाइट प्लान तैयार करवा सकते हैं। इस लेख में हम कुछ ऐसे ही आदतों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जिसकी मदद से आप आंतों की इस परेशानी से थोड़ा राहत पा सकें।
इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज को मैनेज करने के लिए टिप्स

- स्थिति सामान्य होने तक कम फाइबर वाले या फिर लिक्विड डाइट को शामिल करें। कोशिश करें कि ऐसे फूड्स से बचें, जो इस समस्या को ट्रिगर कर सकते हैं।
- बीज, नट्स, बीन्स, फल और ब्रान्स (जई चोकर) जैसे फूड आइटम्स का कम मात्रा में इस्तेमाल करें।
हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी पीते रहें। - कैफीन और एनर्जी ड्रिंक से बचें।
- विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट से सावधान रहें। ध्यान रखें कि शरीर में के लिए विटामिन्स की जरूरत को एक संतुलित डाइट के जरिए पूरा किया जा सकता है। कुछ सप्लीमेंट्स में लैक्टोज, स्टार्च और अन्य इंग्रीडिएंट्स शामिल हो सकते हैं, जो आईबीडी के लक्षणों को और खराब कर सकते हैं।
आईबीडी पेशेंट लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

- किसी भी स्वास्थ्य स्थिति की तरह आईबीडी की समस्या में भी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
- स्मोकिंग छोड़ दें
- समझदारी के साथ डाइट प्लान करें
- 25 से कम का बॉडी मास इंडेक्स बनाए रखें
- हड्डीयों और मसल्स को बिल्डअप करने के लिए रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करें
- शरीरिक गतिविधि में कुछ बदलाव, हेल्थ प्रोफेशनल की सलाह और डॉक्टर की देखरेख में सूजन आंत्र रोग यानी इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज से राहत पा सकते हैं।
यह भी पढ़ें : राना (यूएसए) और राजकोव (ऑस्ट्रेलिया) दुनिया को बताएंगे मोटे अनाज की उपयोगिता