
नई दिल्ली। किसी कंपनी का लोगो उसकी सोच और नजरिये को बयां करने का जरिया बन सकता है। एक ऐसे दौर में जब कंपनी के लोगो को बनाने की प्रक्रिया पर ब्रांड प्रबंधन और जनसंपर्क और मार्केटिंग और विज्ञापन कंपनियां हावी हैं। एक ऐसा समय भी था जब कंपनियां इसकी प्रेरणा परिवार के मुखिया और शहर के झंडे और प्रेमिकाओं में भी तलाशते थे। हम आपको दुनिया की प्रतिष्ठित कार पोर्श के लोगो के इतिहास के बारे में बता रहे हैं।
कैसा है पोर्श का लोगो?

पोर्श की कारों के लिए बनाया गया एक लंबी पूंछ वाला विशिष्ट घोड़ा हेरिटेज डिजाइन संस्करण के साथ, इसके व्हील सेंटर और बोनट को सुशोभित करता है। ये लोगो कार के अंदर हेडरेस्ट पर भी पाया जाता है। इसका मजबूत लाल-नारंगी रंग 911 (1964-1973) के समय की विशेषता है। पोर्श लोगो का आधार रंग सुनहरा है और इसमें चौड़े अक्षरों का उपयोग किया गया है, जबकि इसके ऊपर स्टटगार्ट शब्द उभरा हुआ है। ये घोड़ा एक प्रमुख कंधे के जोड़ और बड़ी पूंछ के साथ विशेष रूप से काफी शक्तिशाली दर्शाया गया है।
पोर्श के्रस्ट का इतिहास

- पोर्श ने अपने इस लोगो (पोर्श के्रस्ट) को 1952 तक नहीं बनाया था। मार्च 1951 में, पोर्श ने जर्मन कला अकादमियों के लिए एक प्रतियोगिता शुरू की, जिसमें इसके निर्माण के लिए 1,000 की राशि देने की पेशकश की गई थी। हालांकि, इस प्रतियोगिता में बनाया गया कोई भी डिजाइन प्रबंधन की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।
- 1951 के अंत में, फेरी पोर्श ने न्यूयॉर्क का दौरा किया और अमेरिकी आयातक मैक्स हॉफमैन से लोगो को बनाने के लिए कहा, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के अंदर ही एक लोगो पर काम भी आंतरिक रूप से शुरू हो गया था।
- 1952 की शुरुआत में एक बेहद प्रतिभाशाली डिजाइनर फ्रांज जेवर रिम्सपी ने एक फैंटसी के्रस्ट बनाया। आपको बता दें कि इन्होने 1936 में वोक्सवैगन लोगो को पहले डिजाइन किया था। ये कंपनी की जड़ों का प्रतीक है और साथ ही साथ इसके उत्पादों की गुणवत्ता और गतिशीलता को दर्शाता है, जिसमें स्टटगार्ट शहर की सील से लिया गया एक उछलता हुआ घोड़ा एक सुनहरी ढाल के रूप में चित्रित किया गया है।
- इसके ऊपर स्टटगार्ट के नाम के साथ, कंपनी के घर के लिए एक स्पष्ट प्रतिबद्धता की जाती है। कंपनी के लोगो के रंग व अन्य सभी चीजों के लिए भी बहुत रिसर्च हुई है।
- नवंबर 1954 में पोर्श 356 स्पीडस्टर के विशिष्ट बोनट हैंडल में शामिल होने से पहले जर्मन पेटेंट कार्यालय के साथ पंजीकरण के बाद, पोर्श क्रेस्ट को पहली बार 1952 के अंत में हॉर्न बटन पर देखा गया था। वहीं, साल 1959 तक इसने कार के हबकैप्स को भी सुशोभित किया और फिर कुछ समय बाद पोर्श ने अपने वाहनों के बोनट पर गुणवत्ता की इस मुहर को चित्रित किया।
- इस बीच, कॉपीराइट-प्रोटेक्टेड पोर्श क्रेस्ट दुनिया में सबसे प्रसिद्ध ट्रेडमार्क में से एक बन गया है और इसका उपयोग केवल पोर्श एजी की स्पष्ट अनुमति के साथ व्यावसायिक रूप से किया जा सकता है।
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