बच्चों को कराएं योगासन, एकाग्रता की कमी से मिलेगा छुटकारा

बच्चों में एकाग्रता की कमी
बच्चों में एकाग्रता की कमी

किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी की समस्या ना केवल बड़े को ही होती है बल्कि बच्चे भी इस समस्या से ग्रस्त रहते हैं। आपने अक्सर घर में बच्चों पर गौर किया होगा कि बच्चे पढ़ते-पढ़ते पेंसिल से किताब पर ड्राइँग बनाना शुरु कर देते हैं यानि वह किसी एक चीज पर ज्यादा देर तक फोकस नहीं कर पाते।

दरअसल यह उनके एकाग्रता में कमी के कारण होता है। बाल विशेषज्ञ के अनुसार 4 से 5 साल के बच्चे को किसी एक कार्य पर कम से कम 2 से 5 मिनट तक फोकस करना चाहिए। यदि आपका बच्चा किसी एक चीज पर निर्धारित समय के अनुसार फोकस करने में असमर्थ रहता है तो उसके एकाग्रता में कमी है। ऐसे में आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि बच्चों के एकाग्रता को सुधारने और इसमें वृद्धि के लिए बहुत से कारक हैं। आइए इन्हें विस्तार से जानते हैं।

वृक्षासन

वृक्षासन
वृक्षासन

यह बैलेंसिंग पोज फोकस और स्थिरता को बेहतर बनाने में मदद करता है। साथ ही इसकी मदद से पैर की मांसपेशियां मजबूत होगी और तनाव से भी मुक्ति मिलगी। इसे करने के लिए एक पैर पर सीधे खड़े होकर दूसरे पैर को पहले पैर की जांघ पर रखें। फिर दोनों हाथों को जोडक़र ऊपर की ओर फैलाएं।

गरुड़ासन

गरुड़ासन
गरुड़ासन

रोजाना नियमित रूप से सुबह इस आसन को करने से एकाग्रता बढ़ती है। इस पोज को करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसके लिए आपको हल्का सा झुककर अपने दोनों पैरों और हाथों को एक-दूसरे पर लपेटकर चील की तरह आकृति बनानी होगी।

वीरभद्रासन

वॉरियर पोज भी ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। यह आसन मसल्स को मजबूत करने के साथ ही शरीर में रक्त संचार को भी बढ़ाता है। इस आसन को करने के लिए बच्चे एक पैर को आगे निकालकर लंज पोजीशन में ले जाएं और फिर बाहों को ऊपर की ओर फैलाकर एक जगह ध्यान केंद्रित करें।

कोणासन

इस आसन को तितली आसन भी कहा जाता है। इसे बच्चे काफी आराम से कर सकते हैं। इस आसन की मदद से मांसपेशियां मजबूत होने के साथ ही एकाग्रता भी बढ़ती है। इसे करने के लिए फर्श पर बैठकर दोनों पैरों को मोड़ें और तलवों को एक साथ मिलाकर तितली के पंखों की तरह आकार बनाएं।

बालासन

यह आरामदायक मुद्रा शरीर को रिलैक्स करने के साथ ही फोकस हासिल करने के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इसे करने के लिए फर्श पर घुटने के बल बैठें और फिर नीचे आते हुए दोनों एडिय़ों को आपस में जोड़ें और फिर अपनी बाहों को आगे की ओर निकालते हुए अपने माथे को चटाई से नीचे लगाएं।

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