राजस्थान के लाडले ने केरल में दिखाया अपनी काबिलियत का हुनर, बने चीफ सेक्रेटरी

डॉ.विश्वास मेहता, dr vishvas mehta
डॉ.विश्वास मेहता, dr vishvas mehta

केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और प्रदेश में कोविड-19 के ओवर ऑल प्रभारी दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर शहर के निवासी डॉ. विश्वास मेहता केरल के अगले मुख्य सचिव होंगे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1986 बैच में चयनित वरिष्ठ आईएएस मेहता विभिन्न पदों पर सेवाएं देते हुए केरल राज्य के मुख्य सचिव पद के लिए चुने गये है।

नई दिल्ली। केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और प्रदेश में कोविड-19 के ओवर ऑल प्रभारी राजस्थान मूल के डॉ.विश्वास मेहता केरल के अगले मुख्य सचिव होंगे। इस आशय का फैसला बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में लिया गया। उनकी नियुक्ति के आदेश कल गुरुवार को जारी होंगे और वे अपने नए पद पर आगामी 31 मई को कार्यभार ग्रहण करेंगे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1986 बैच में चयनित वरिष्ठ आईएएस मेहता विभिन्न पदों पर सेवाएं देते हुए केरल राज्य के मुख्य सचिव पद के लिए चुने गये है।

केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और प्रदेश में कोविड-19 के ओवर ऑल प्रभारी डॉ. विश्वास मेहता केरल के अगले मुख्य सचिव होंगे।

जीवन परिचय: डूंगरपुर जिले में रियासत काल से ही शैक्षिक उन्नयन और उसके माध्यम से प्रतिभाओं का निखर कर आगे आना वागड़ अंचल की इस धरा का हुनर रहा है और इसी की बदौलत राष्ट्रीय से लगाकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक राज परिवार के साथ साथ क्षेत्र की कई प्रतिभाओं ने अपना परचम फहराया है और उसी कडी में पुराने शहर की तंग गलियों में निवास करने वाले प्रीतम कुमार मेहता और सविता मेहता के परिवार में जन्मे डॉ. विश्वास मेहता बुधवार को अपने गृह जिले व राज्य का नाम रोशन करते हुए केरल के मुख्य सचिव पद के लिए चुने गए हैं।

दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर शहर के निवासी डॉ. विश्वास मेहता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चण्डीगढ़ और कुछ समय डूंगरपुर के संत पैट्रिक स्कूल में ली। बाद में वे पिता के विदेश से लौटने के बाद उनके साथ चण्डीगढ़ चले गये जहां उनके पिता पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे ।

डॉ. विश्वास मेहता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चण्डीगढ़ और कुछ समय डूंगरपुर के संत पैट्रिक स्कूल में ली।

वहां रहते हुए उन्होने ज्योलॉजी में स्नातक, स्नातको ार, एमबीए, मोहनलाल सुखाडिया युर्निवसीटी से पीएचड़ी करने के पश्चात वर्ष 1983 में स्टील ऑथोरेटी ऑफ इण्डिया इसके पश्चात ओएनजीसी में एक्जीक्यूटिव ऑफिसर चयनित होने के पश्चात भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारियां की और इसी के तहत वे प्रथम चरण में 1985 में आईपीएस चुने गये और इसके पश्चात अगस्त 1986 में नवमी रेंक के साथ वागड़ के प्रथम भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में चयनित होते हुए केरल राज्य का केडर मिला।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री स्व.हरिदेव जोशी के ज्येष्ठ पुत्र पूर्व न.पा. अध्यक्ष बांसवाड़ा दिनेश जोशी की पुत्री प्रीति के साथ विवाह बंधन में बंधने के पश्चात वागड़ का यह लाल क्षेत्र के नाम को लगातार गौरान्वित करते हुए आगे बढता गया । उदयपुर पश्चिम सांस्कृतिक केन्द्र के निर्देशक के रूप में रहते हुए उन्होने डूंगरपुर जिले में उसकी स्थापना को लेकर वागड महोत्सव का आगाज कराया था।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मे रहते हुए डूंगरपुर मेडिक़ल कॉलेज खोलने मे रही महत्ती भूमिका

इसके पश्चात यूपीए सरकार में स्वास्थ्य सचिव के रूप में भारत सरकार में रहते हुए जिले को जो मेडिकल कॉलेज मिला, उसमे पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा के साथ डॉ. विश्वास मेहता की महत्ती भूमिका रही। जिन्होने तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलामनबी आजाद से वागड अंचल को यह महत्ती सौगात दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी।

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हाल ही में केरल में विभिन्न पदों पर रहते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के रूप में कार्य करते हुए कोविड-19 के तहत संक्रमण को रोकने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासों ने न केवल केरल राज्य को इस महामारी से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अपितु देश भर में उनके इस केरल मॉडल को भरपूर सराहा गया।