इन आदतों को बदलें, क्योंकि इनसे बालों पर पड़ता है बुरा असर

बालों को हेल्दी कैसे रखें
बालों को हेल्दी कैसे रखें

बचपन में बालों के झडऩे की कोई खासा दिक्कत नहीं होती लेकिन फिर बड़े होते-होते बालों का झडऩा इतना ज्यादा कैसे बढ़ जाता है? वजह है जीवनशैली की बदलती हुई आदतें। बचपन में हम बालों के साथ ज्यादा एक्सपेरिमेंट्स नहीं करते, लेकिन बढ़े होते-होते इन एक्सपेरिमेंट्स में भी वृद्धि हो जाती है। उस पर कभी किसी तो कभी किसी और हेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल बालों को नुकसान पहुंचाने वाला साबित हो सकता है। ऐसे में बालों के झडऩे का कारण बनने वाली आदतों से छुटकारा पाकर हेयर फॉल की दिक्कत भी दूर की जा सकती है। इससे बालों की सेहत भी इच्छी रहेगी और वे दिखेंगे भी खूबसूरत।

ओवर हीट स्टाइलिंग

ओवर हीट स्टाइलिंग
ओवर हीट स्टाइलिंग

ब्लो-ड्राईिंग, कर्लिंग आयरन या स्ट्रेटनर के नियमित इस्तेमाल से बालों को तेज़ हीट का सामना करना पड़ता है, जिससे ये बुरी तरह से जैमेज होने लगते हैं। एक्स्ट्रा हीट के इस्तेमाल से बाल कमजोर होते हैं और उनमें ड्राईनेस, ब्रेकेज और दोमुंहे बालों की समस्या होने लगती है। इससे बचने के लिए बालों को हवा में सूखने दें और डैमेज को कम करने के लिए सबसे कम सेटिंग पर हीट स्टाइलिंग टूल का इस्तेमाल करें।

ज्यादा शैम्पू का इस्तेमाल

ज्यादा शैम्पू का इस्तेमाल
ज्यादा शैम्पू का इस्तेमाल

बालों को बहुत ज्यादा धोने से उनसे प्राकृतिक तेल खत्म होने लगते हैं, जिससे वे रूखे होकर टूटने लगते हैं। इसलिए अपने बालों के टाइप के मुताबिक शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें। कोशिश करें हर दिन शैम्पू के बजाय सप्ताह में केवल दो से तीन बार धोएं। इससे स्कैल्प के नेचुरल ऑयल बरकरार रहेंगे।

तौलिए से बालों को रगडऩा

बालों को तौलिये से न रगड़ें क्योंकि इससे वे अधिक टूटते हैं। गीले बालों को सुखाने के लिए मुलायम, माइक्रोफाइबर तौलिए या पुराने सूती कपड़े से थपथपाकर सुखाएं। इससे बालों का टूटना कम होता है।

टाइट हेयरस्टाइल

लगातार टाइट पोनीटेल, बन, चोटी या अन्य हेयरस्टाइल बनाने से बाल काफी खिंचते हैं, जिससे ट्रैक्शन एलोपेसिया हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें तनाव के कारण बाल झड़ते हैं। ढीले हेयर स्टाइल चुनें, मुलायम रबर बैंड का इस्तेमाल करें और बालों को कसकर खींचने या बांधने से बचें।

केमिकल प्रोडक्ट चुनें

हेयर डाई, आर्टिफिशल कलर और केमिकल उक्त ट्रीटमेंट से भी बालों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इनसे बालों का नेचुरल मॉइश्चर खोने लगता है, जिससे वे ड्राई और फ्रिजी हो जाते हैं। ऐसे ट्रीटमेंट्स को कम करें।

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