इन तेलों को खाने से बढ़ जाता है हार्टअटैक का दोगुना खतरा, अच्छी सेहत के लिए ये करें उपाय

खाने में कौनसा तेल फायदेमंद
खाने में कौनसा तेल फायदेमंद

ऑलिव्स यानि जैतून से निकलने वाला तेल शरीर के लिए बेहद स्वास्थ्यवर्धक है। एंटीऑक्सीडेंटस और  मोनोअनसैचुरेटेड फैटस से भरपूर होने के चलते शरीर को कई रोगों के जोखिम से बचाने में कारगर है। भूमध्यसागरीय क्षेत्र की एक पारंपरिक फसल को वहां की रेसिपीज में खूब प्रयोग किया जाता है। खाने के अलावा इसे दवाओं, ब्यूटी प्रोडक्टस और साबुनों में भी प्रयोग किया जाता है। जानते हैं दुनिया भर में लोकप्रिय विटामिन ई से भरपूर ऑलिव आयलॅ के फायदे और इस्तेमाल का तरीका भी युनिवर्सिटी ऑफ मियामी के एक रिसर्च के मुताबिक ऑलिव ऑयल में मोनोअनसैचुरेटेड फैटस पाए जाते हैं, जो एनिमन फैट से बेहतर है। इसके इस्तेमाल से शरीर में सूजन और हृदय रोग की संभावना कम होने लगती है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध में पाया गया है कि जैतून का तेल इस्तेमाल करने से समय से पहले मौत के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। 1990 से लेकर 2018 तक अमेरिका में 60,582 महिलाओं और 31,801 पुरुषों से आहार प्रश्नावली की गई। निष्कर्ष में पाया गया कि वे लोग जो रोज़ाना सात ग्राम से ज्यादा जैतून के तेल का सेवन करते हैं। उनमें हृदय रोग से होने वाली मृत्यु का खतरा 19 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

डिमेंशिया के खतरे से बचाने में इसके लाभ

डिमेंशिया के खतरे से बचाने में इसके लाभ
डिमेंशिया के खतरे से बचाने में इसके लाभ

शोधकर्ताओं की एक टीम ने करीब छह दशकों तक ऑलिव ऑयल के होने वाले प्रभावों को समझने के लिए अध्ययन किया। साल 2022 के विश्लेषण में पाया गया कि जिन लोगों ने प्रतिदिन आहार में ऑलिव ऑयल को शामिल किया (एक-डेढ़ चम्मच),उनमें डिमेंशिया के कारण होने वाली मृत्यु का खतरा चार फीसदी तक कम पाया गया। एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव ऑयल पॉलीफेनोल्स से भरपूर होता है, ये एंटीऑक्सीडेंट इंफ्लामेशन के खतरे को कम करके इससे संबंधित कई बीमारियों से बचाने में मदद करती है।

इंफ्लामेशन का जोखिम होता है कम

इंफ्लामेशन का जोखिम होता है कम
इंफ्लामेशन का जोखिम होता है कम

क्लीवलैंड क्लिनिक में आहार और पोषण विशेषज्ञ क्रिस्टिन किर्कपैट्रिक कहते हैं, सूजन या इंफ्लामेशन किसी भी बीमारी का आधार हो सकता है। अगर हम इसे आधार के रूप में देखते हैं और इसे कंट्रोल करने के लिए प्रयास करते हैं तो यह कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। अध्ययन में डिमेंशिया के शिकार लोगों में ऑलिव ऑयल से होने वाले फायदों के बारे में पता चलता है। ये तेल हृदय रोग के शिकार लोगों की सेहत के लिए भी काफी लाभकारी पाया गया है।

हृदय की सेहत के लिए भी इसके लाभ

ऑलिव ऑयल किस प्रकार से हमारी सेहत के लिए लाभकारी है, इसे समझने के लिए किए गए अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को हृदय रोगों की समस्या है उनको भी इससे विशेष लाभ मिल सकता है। यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने हृदय से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के लिए एक निश्चित मात्रा में पॉलीफेनोल के सेवन की मंजूरी दी है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने तीन या चार साल पहले ही रोजाना ऑलिव ऑयल का सेवन शुरू किया उनमें बैड कोलेस्ट्रॉल और इसके कारण होने वाली समस्याओं का जोखिम कम देखा गया है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव ऑयल को अध्ययनों में कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ वाला पाया गया है। डिमेंशिया और हार्ट की समस्याओं के कारण होने वाली मौत के जोखिम को कम करने के साथ ये डायबिटीज की जटिलताओं से बचाने में भी काफी लाभकारी हो सकती है। फास्टिंग ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिरोध कम करने में भी इसके लाभ देखे गए हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि प्रतिदिन 25 ग्राम (सिर्फ दो बड़े चम्मच से कम) ऑलिव ऑयल खाने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 22त्न तक कम हो जाता है।

यह भी पढ़ें : जोधपुर की रितिका माथुर को मिले 4 गोल्ड मेडल, राष्ट्रपति ने किया 4 श्रेणियों में सम्मानित