निम्स की ऐतिहासिक पहल : खोला राज्य का पहला वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन से सम्बद्ध एकमात्र स्ट्रोक सेंटर : एनएचबीएच

वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन
वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन

राज्य को मिलेगी ब्रेन स्ट्रोक से सम्बंधित आधुनिकतम सुविधाओ की सौगात

जयपुर। निम्स अस्पताल द्वारा राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओ में विस्तार करते मजबूत किया जा रहा है। इसी क्रम में निम्स हॉस्पिटल द्वारा एनएबीएच हॉस्पिटल (निम्स हार्ट एवं ब्रेन हॉस्पिटल), जयपुर शहर के बीचों-बीच राजा पार्क में स्थापित किया गया है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को शुरुआती दौर में इलाज नहीं मिल पाता है और वो गंभीर लकवा का शिकार हो जाते हैं। इस परेशानी को दूर करने के लिए एनएचबीएच हॉस्पिटल, जयपुर ने विश्व स्ट्रोक एसोसिएशन से सम्बद्ध एवं सीमेंस हेल्थकेयर के साथ मिलकर ब्रेन स्ट्रोक सेंटर लांच किया है। लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस यह ब्रेन स्ट्रोक सेंटर स्ट्रोक्स का शीघ्र पता लगाने और समय पर इलाज में मदद करेगा। इससे मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में किसी भी बीमारी का पता लगाने और उसे ठीक करने में मदद मिलेगी।

वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन
वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन

डॉ. बलवीर एस. तोमर – चेयरमैन निम्स यूनिवर्सिटी एवं हॉस्पिटल ने बताया की यह अपनी किस्म का राजस्थान का एकमात्र स्ट्रोक को समर्पित सेंटर हैं जो वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन से सम्बंधित हैं। यह सेंटर एम्स, नई दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ के प्रशिद्ध विशेषज्ञ जैसे प्रोफेसर डॉ. संजीव शर्मा – पूर्व प्रोफेसर एवं हेड कार्डियोवास्कुलर इमेजिंग और रेडियोलॉजी विभाग एम्स नई दिल्ली, प्रो. डॉ. संदीप मिश्रा- पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर कार्डियोलॉजी विभाग एम्स नई दिल्ली, प्रो. डॉ. एन खंडेलवाल- पूर्व वरिष्ठ प्रोफेसर रेडियो डायग्नोसिस विभाग पीजी आई चंडीगढ़, डॉ. संदीप मुदगिल, पूर्व सह आचार्य – न्यूरो इंटरवेंशन रेडियोलोजी पी. जी. आई. चंडीगढ़, डॉ. मनीष शॉ- पूर्व सीनियर रेजिडेंट न्यूरोलॉजी विभाग – एम्स नई दिल्ली, और डॉ. रवि जाखड़ – पूर्व सीनियर रेजिडेंट न्यूरोलॉजी विभाग – पी. जी. आई. चंडीगढ़; डॉ. कमलेश कुमार – प्रोफेसर न्यूरोलॉजी, निम्स हॉस्पिटल एवं अन्य अनेक प्रशिद्ध डॉक्टर्स नियमित रूप से अपनी सेवाएं देंगे। इस सेंटर पर विश्वस्तरीय शोध की सुविधाए भी उपलब्ध होंगी । इस सेंटर में डुअल-सोर्स डुअल-एनर्जी 384 स्लाइस सीटी मशीन हैं जो की राजस्थान में अपनी तरह की पहली एवं क्यू-जेन डी.एस.ए कैथ लैब हैं जो भारत की अपनी तरह की पहली कैथ लैब है।

क्यों जरुरी है अपने हार्ट की जाँच करवाना

वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन
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आप नियमित रुप से अपना ब्लडशुगर एवं ब्लड कालेस्ट्राल एवं ब्लड प्रेशर, खून के टेस्ट एवं शुगर की जाँच करवाते रहते है। ब्लड प्रेशर की जाँच इसलिए करवाते है कि बगैर आपके जाने यदि कोलेस्ट्राल बढ़ा होगा तो यह भविष्य मे हार्ट अटैक की सम्भावना को बताता है।

वल्र्ड स्ट्रोक एसोसिएशन
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इन सभी जांचो को आप इसलिए करवाते है कि आप अपने दिल की जाँच व हाई ब्लड प्रेशर को पहले से पता करके आप हार्ट अटैक और ब्रेन में नसें फटने की जानकारी पहले से ही पता करके इनका इलाज करवा कर इन बीमारी को होने से हार्ट अटैक एवं ब्रेन की नस फटने से रोककर लकवा होने से रोक सकते है।

इन सभी को एक्जीक्यूटिव चेकअप कहते है और सारी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां अपने कर्मचारियों का यह बॉडी चेकअप हर 6 महीने से 1 वर्ष के अन्तराल मे करवाती है।

विदेशों मे भी हर व्यक्ति अपनी जाँचे इस प्रकार करवाते रहते है। 30 वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्तियों के लिए यह चेकअप भी सलाह होती है।

आपने देखा-सुना होगा कि कोरोना होने के बाद आकस्मिक मृत्यु की दर बढ़ गयी है। इसके कई कारण है – परन्तु इनमे से दो कारण अत्यन्त ही अहम है

नसों में खून का थक्का जमा होना एवं खून की नसों का ब्लॉक होकर हार्ट मे ब्लड के प्रवाह को रोक देना जिसके कारण हार्ट अटैक आता है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यही चीजे ब्रेन मे भी होती है जिससे कि अचानक लकवा मार जाता है।

आपके हार्ट की जाँच बिना चीरफाड़ कही भी तार डाले एवं आपरेशन या बेहोश किये केवल 5 मिनट में

हम करेंगे – आप इस जाँच को करवाकर तुरन्त ही अपनी हार्ट की रिपोर्ट लेकर अपनी ड्यूटी या सामान्य जीवन की सभी एक्टीविटी सहज रुप से कर सकते है।

यदि आपको पहले हार्ट मे स्टंट (छल्ला) / लगा है या बाईपास सर्जरी हुई है तो अब हार्ट का स्टंट/बाईपास के बाद आपकी हार्ट की नसों एवं स्टेंट की पेटेंसी /वत्र्तमान स्थिति क्या स्थिति है, को केवल 5 मिनट में बिना चीरफाड़ एवं बिना आपरेशन, बिना बेहोश करे, जन सकेंगे एवं सामान्य जीवन की सभी एक्टीविटी सहज रुप से कर सकेंगे।

कैल्शियम स्कोरिंग – यह विशेष तकनीक है इसके द्वारा कोई भी व्यक्ति 20 वर्ष से लेकर किसी भी उम्र तक केवल 1 मिनट में जान सकता है कि उसकी धमनियों (खून की नलियों) में कितना हानिकारक कैल्शियम जमा हो रहा है – जिससे कि उसे हार्ट अटैक कि कितनी और कब तक सम्भावना है का पता चल सकता है। इस तकनीक से केवल 1 मिनट में बिना चीरफाड़, बिना आपरेशन एवं बिना बेहोश किए ही जाँच हो जाती है एवं इस जाँच के तुरंत बाद आप अपनी ड्यूटी व जीवन की सारी एक्टीविटी सामान्य रुप से अपनी रिपोर्ट के अनुसार कर सकते है।

इस जाँच के द्वारा कोरोना होने के बाद होने वाली परेशानियों जैसे की हार्ट अटैक, लकवा मरना इत्यादि की सम्भावना को सिर्फ 5 मिनट में जान सकेंगे। दोनो की जांचे एक साथ एक बार मे एवं एक ही मशीन के जरिये हो जायेंगी। इन जांचो के द्वारा आपको मस्तिष्क की नसों की जानकारी, सम्भावित लकवा, मस्तिष्क की नसों का फटना या मस्तिष्क की नसों मे कोई असमान्यता का पता बिना चीरफाड़, बिना ऑपरेशन एवं बिना बेहोश किये किया जा सकता है।

यह राजस्थान का एक मात्र ऐसा सेंटर हैं जिसमे एक साथ न्यूरो इंटरवेंशन रेडियोलोजी, कार्डियो इंटरवेंशन रेडियोलोजी, नयूरोलोजी, कार्डियोलोजी, स्ट्रोक एवं अन्य सेवाए जैसे खून की उलटी होना, पेशाब में खून आना, रीड की हड्डी में गांठ को एम्बोलिस करना, बच्चेदानी की गांठ का बिना ऑपरेशन इलाज करना, दिमाग में नसों की गुच्छो में फिस्टुला का इलाज, गर्दन की नसों की स्तैन्टिंग, दिमाग की फटी हुई नसों की कोयालिंग एवं स्तैन्टिंग, लीवर के कैंसर में बिना ऑपरेशन हटाना, पाँव की नसों की स्तैन्टिंग, फूली हुई टेस्टिस की नसों का इलाज, शरीर के किसी भी भाग में गांठ (जैसे लीवर, फेफड़े, किडनी, स्तन इत्यादी) की बायप्सी, कैंसर की गांठो को ऑपरेशन से पहले छोटा करना इत्यादि का इलाज किया जाता हैं।

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