
भारत की फार्मा मानक निकाय इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (आईपीसी) ने पेनकिलर मेफ्टल से होने वाले नुकसान के बारे में डॉक्टरों और मरीजों के लिए दवा सुरक्षा चेतावनी जारी की है। इसमें मेफानामिक एसिड पाया जाता है, जिसके इस्तेमाल से डे्रस ङ्क्षसड्रोम होने का खतरा हो सकता है। इस पेनकिलर का इस्तेमाल आमतौर पर पीरियड क्रैंप्स, दांत दर्द या आर्थराइटिस के दर्द के लिए किया जाता है।

इस चेतावनी में डॉक्टर और मरीजों को इस दवाई से होने वाली रिएक्शन पर ध्यान देने के लिए कहा है और अगर कोई असमान्य लक्षण नजर आए, तो तुरंत आईपीसी की वेबसाइट पर इसके बारे में सूचित करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी के साथ यह रिएक्शन हो, लेकिन फिर भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। लेकिन, यह ड्रेस सिंड्रोम है क्या और इसके क्या लक्षण हो सकते हैं, जिसकी मदद से इसका पता लगाया जा सकता है। आईए जानते हैं इस सिंड्रोम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें।
क्या है डे्रस सिंड्रोम?

ड्रेस सिंड्रोम का पूरा नाम ड्रग रैश विद इओसिनोफिलिया एंड सिस्टमैटिक सिमटम्स सिंड्रोम है। यह किसी दवाई के कारण होने वाली एलर्जी है, जो इम्यून सिस्टम के उस दवाई के साथ रिएक्ट करने की वजह से होता है। इस कारण से हाइपरसेसिटिविटी रिएक्शन होता है, जो त्वचा और शरीर के अन्य दूसरे अंगों को प्रभावित कर सकता है। अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। इस सिंड्रोम के लक्षण अक्सर दो हफ्ते बाद दिखाई देते हैं।
क्या हैं इसके लक्षण?
बुखार
त्वचा पर रैशेज होना
इओसिनोफिलिया
चेहरे में सूजन
लिवर, किडनी या अन्य दूसरे अंगों में सूजन या खराबी
लिम्फ नॉड में सूजन
क्या है इसका इलाज?
इस रिएक्शन का सबसे पहला इलाज यही है कि जिस दवाई की वजह से ड्रेस सिंड्रोम हो रहा है, उसे लेना बंद करें। इससे यह रिएक्शन और अधिक नहीं बढ़ेगा। इसके बाद, डॉक्टर इस रिएक्शन की वजह से क्या-क्या नुकसान हुए हैं शरीर में उसकी जांच कर इलाज शुरू कर सकते हैं। इसमें आमतौर पर त्वचा पर हुई रैश और इन्फेक्शन को रोकने की प्रक्रिया शामिल होती है।
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