
विधायक ने राजस्थानी भाषा में शपथ ली, प्रोटेम स्पीकर ने रोका
जयपुर।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सरकार पहला दिन ही विवादों में घिर गया। सत्ता में आने के साथ ही भाजपा अपने वादे भूलने लगी है। यही कारण है कि बुधवार को राजस्थान विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने एक विधायक को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने से रोक लिया। सराफ के मना करने के बाद एक बार तो विधानसभा में ऊहा-पोह की स्थिति पैदा हो गई। प्रोटेम स्पीकर ने कहा कि राजस्थानी भाषा में तब तक शपथ नहीं ली जा सकती है। उन्होंने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का हवाला देते हुए कहा कि पिछली सरकार में भी एक विधायक ने जब राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की बात कही तो उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी थी। आखिरकार विधायक को हिन्दी में शपथ लेनी पड़ी।
यह था विवाद

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने ‘मोदी सागै राजस्थान’ की टैग लाइन पर चुनाव कैंपेन किया था, लेकिन सत्ता मिलते ही खुद भाजपा के वरिष्ठ नेता इसके विरोध में उतर आए हैं। स्थानीय भाषा की बात की जाए तो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी विधायकों ने स्थानीय भाषा में पद व गोपनीयता की शपथ ली थी।
दरअसल, राजस्थान विधानसभा में बुधवार को कोलायत से पहली बार बार निर्वाचित हुए भाजपा के विधायक अंशुमान सिंह भाटी ने विधानसभा में राजस्थानी में शपथ लेने का आग्रह किया। उन्होंने राजस्थानी भाषा में शपथ भी ले ली लेकिन प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने आपत्ति उठाई और कहा कि विधानसभा में राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं ली जा सकती है । उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त नहीं है ऐसे में राजस्थान विधानसभा में हिंदी या अंग्रेजी में ही शपथ ली जा सकती है।
भाजपा के योगेश्वर गर्ग ने आसान से आग्रह किया कि अंशुमान सिंह भाटी को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की विशेष अनुमति दी जाए। लेकिन प्रोटेम स्पीकर सराफ ने स्पष्ट रूप से अंशुमान सिंह भाटी को राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की बात स्वीकार नहीं की और कहा कि शपथ हिंदी या अंग्रेजी में ही लेनी पड़ेगी। इसके बाद अंशुमान सिंह भाटी ने हिंदी में विधायक की शपथ ली।
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