इन चीज़ों से होती है ये रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या

ऑर्थराइट्स
ऑर्थराइट्स

रूमेटाइड अर्थराइटिस ज्वॉइंट्स से जुड़ी एक ऑटो इम्यून बीमारी है। ऑटो इम्यून बीमारी में शरीर अपने इम्यून सिस्टम और शरीर के हेल्दी सेल्स पर हमला करने लगती है। जिसके चलते शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता कम होने लगती है और वो कई सारी बीमारियों का शिकार होते जाता है। गठिया जहां बढ़ती उम्र में होने वाली समस्या है, वहीं रूमेटाइड अर्थराइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है, जितना जल्द इसके लक्षणों की पहचान कर इलाज करा लिया जाए उतना अच्छा होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस बीमारी का ज्यादा शिकार होती हैं। 15 से 45 साल के मतलब रिप्रोडक्टिव एज में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस से सिर्फ ज्वॉइंट्स ही प्रभावित नहीं होते, बल्कि स्किन, आंख, फेफड़ों, हार्ट और ब्लड वेसेल्स पर भी इस समस्या का असर देखने को मिलता है। चलने-फिरने में तकलीफ के साथ हड्डी टूटने का भी खतरा बना रहता है।

इन वजहों से बढ़ सकता रूमेटाइड अर्थराइटिस का खतरा

ऐसे कई कारक हैं, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं। आइए जान लेते हैं इसके बारे में..

लिंग – रूमेटाइड अर्थराइटिस का शिकार महिलाओं ज्यादा होती हैं, क्योंकि इस बीमारी के होने के पीछे हार्मोनल बदलाव भी जिम्मेदार होते हैं, जिस वजह से ये महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है।

धूम्रपान
धूम्रपान

धूम्रपान – बहुत ज्यादा सिगरेट, शराब के सेवन से सिर्फ कैंसर का ही खतरा नहीं बढ़ता, बल्कि ये रूमेटाइड अर्थराइटिस की भी वजह बन सकता है। समय रहते इस पर कंट्रोल न किया जाए, तो स्थिति गंभीर हो जाती है और बीमारी को ठीक करना बहुत ही मुश्किल।

मोटापा
मोटापा

मोटापा – लगातार बढ़ता वजन भी रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की एक बड़ी वजह है। इसलिए इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। वैसे वजन बढऩे से डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।

अनुवांशिक – कुछ लोगों में ऐसे खास जीन मौजूद होते हैं, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस के खतरे को बढ़ाने का काम करते हैं।

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण

हाथ के ज्वॉइंट्स खासतौर से उंगलियों में दर्द व सूजन
पैर के ज्वॉइटंस, एंकल, घुटनों में दर्द
बुखार
कमजोरी
बढ़ती उम्र के साथ ज्वॉइंट्स और ज्यादा खराब होते जाते हैं।

यह भी पढ़ें : निम्स विश्वविद्यालय करेगा चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री डॉ. पेटर फिअला की मेजबानी