शिवरात्रि व्रत करेंगे तो मिलेगा भगवान का आशीर्वाद

शिवरात्रि व्रत
शिवरात्रि व्रत

महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म होली- दिवाली से कम नहीं है। भगवान शिव को समर्पित इस त्योहार की धूम उत्तर प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश, पंजाब से लेकर हिमाचल, कर्नाटक, बिहार, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश लगभग हर जगह देखने को मिलती है। महाशिवरात्रि का पर्व दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार माघ के महीने में और उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। भक्तगण शिव मंदिरों में पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं। शिवलिंग पर दूध, धतूरे के फूल, बेल पत्र आदि चढ़ाते हैं और पूरे दिन उपवास भी रखते हैं। उपवास को लेकर लोगों का मानना है कि इससे भगवान मनचाहा फल देते है। अगर आप भी पहली बार रखने जा रहे हैं महाशिवरात्रि का व्रत, तो जान लें इससे जुड़े कुछ जरूरी नियम।

शिवरात्रि व्रत के नियम

शिवरात्रि व्रत
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महाशिवरात्रि के दिन अगर आप व्रत रख रहे हैं, तो एक समय ही फलाहार करना चाहिए। मतलब आप सिर्फ एक समय ही भोजन खा सकते हैं, लेकिन अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है या फिर किसी बीमारी से ग्रस्त हैं, तो आप दो से तीन बार भी खा सकते हैं।

व्रत में आप सिंघाड़े का हलवा, कुट्टू, सामा के चावल, आलू आदि का सेवन किया जा सकता है। व्रत में गेहूं या चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा साबुत अनाज से बनी चीज़ें भी नहीं खानी चाहिए।

महाशिवरात्रि के व्रत में न खाएं ये चीजें

शिवरात्रि व्रत
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व्रत में लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित होता है। महाशिवरात्रि के दिन सफेद नमक नहीं खाना चाहिए। इसकी जगह सेंधा नमक खाया जा सकता है। उपवास के दौरान बहुत ज्यादा तला-भुना खाना अवॉयड करें। इससे पाचन सिस्टम डिस्टर्ब हो सकता है। व्रत में मांस, मंदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। महाशिवरात्रि व्रत में दिन में सोएं नहीं।

महाशिवरात्रि व्रत के लाभ

महाशिवरात्रि का व्रत रखने से धन, सम्मान, सुख-शांति की प्राप्ति होती है। अगर कोई कुंवारी कन्या यह व्रत रखती है, तो इससे विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं।

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