बंगाल में डायरेक्ट एक्शन जैसा मंजर, मूकदर्शक बन देख रही ममता सरकार : शेखावत

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

जैसलमेर। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पश्चिम बंगाल के हालात को दर्दनाक बताया है। शनिवार को शेखावत ने कहा कि जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन जैसा मंजर बंगाल में दिखाई देता है और ममता बनर्जी सरकार मूकदर्शक बनकर देख रही है। जैसलमेर में ‘दिशा’ की बैठक के बाद प्रेसवार्ता में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि बहुसंख्यक समाज को जिस तरह से टारगेट कर वहां धार्मिक आधार पर अत्याचार हो रहा है और वहां की सरकार मूकदर्शक बनकर देख रही है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बंगाल में वर्तमान की जो परिस्थिति है, यह जब मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बनाने के उद्देश्य से वहां डायरेक्ट एक्शन का कॉल दिया था, उस समय सैकड़ों हिंदुओं का कत्लेआम हुआ था, आज उसी तरह का मंजर बंगाल में दिखाई देता है।

शेखावत ने कहा कि आजाद भारत में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने जिस तरह से बंगाल को जलने के लिए छोड़ दिया है या जलने के लिए मजबूर किया है, वो चिंताजनक है। वक्फ संशोधन कानून से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि ऐसे गरीब मुसलमान, जिनके कल्याण के लिए कुछ संपत्तियां दान की गईं। दुर्भाग्य से कुछ प्रभावशाली लोगों के हितों में काम करने वालों के लिए ये एक अखाड़ा बन गया। इसलिए उसमें संशोधन की आवश्यकता थी। मैं यह मानता हूं कि जो लगभग 38 लाख एकड़ जमीन वक्फ संपत्ति के रूप में चिन्हित है, जो 8,76,000 संपत्तियां वक्फ के रूप में चिन्हित हैं, उन संपत्तियों का लाभ जो गरीब मुसलमान को मिलना चाहिए था और नहीं मिल पा रहा था। वक्फ में संशोधन होने के बाद में उसके हितों का कुछ संरक्षण करने में कामयाब होंगे।

दिशा की बैठक को लेकर शेखावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित जितनी भी योजनाएं हैं, उनकी समीक्षा के लिए दिशा बैठक का प्रावधान किया गया है। बैठक में जैसलमेर जिले में गर्मी में जल संकट को लेकर समीक्षा की गई। भारत सरकार की योजनाओं पर चर्चा की गई। बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल द्वारा दिशा की बैठक को लेकर दिए बयान से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि दिशा की बैठक का नोटिस 15 दिन पहले प्रस्तावित है। कम से कम 15 दिन का मैंडेटरी पीरियड है। आज से 21 दिन पहले मैंने सूचना दी थी कि इस तिथि को बैठक आयोजित की जा सकती है। जिला प्रशासन ने तारीख तय कर 15 दिन पहले नोटिस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल को भेजा था। मेरा प्रश्न यह है कि 15 दिन तक वो नोटिस जेब में लेकर घूम रहे थे। आज सुबह मोबाइल में ट्वीट करने के बजाय वो 15 दिन पहले जब नोटिस आया था, तब मुझे फोन करके सूचना कर सकते थे कि भाईसाहब इस बैठक को हम इस तरह से री-ऑर्गेनाइज कर सकते हैं।

शेखावत ने तंज कसा कि संवैधानिक संस्थाओं को और व्यवस्थाओं को, अपनी राजनीतिक विफलताओं को छिपाने के लिए और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए, उपयोग करना कांग्रेस के स्वभाव का हिस्सा है, उनके लोगों के स्वभाव का हिस्सा है। उम्मेदाराम अभी नए-नए कांग्रेस में आए हैं, वो भी मुझे लगता है, उस पाठशाला में पढ़ रहे हैं। जैसलमेर किले  से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि विश्व धरोहर के संरक्षण और रख-रखाव की जिम्मेदारी हम सब की सामूहिक है। उसमें कहीं न कहीं कमी निश्चित रूप से दिखाई पड़ती है। बिना अनुमति के प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण हो रहा है। बिना अनुमति जिस तरह से किले के सौंदर्य को खराब करने के लिए निर्माण हो रहा है। वो चिंताजनक है। मैंने जिला प्रशासन को भी इस बात का निर्देश दिया है कि इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने बार-बार नोटिस दिए हैं, उन पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसलमेर जिले में गर्मियों में भी पर्यटन बढ़ सके, इसके प्रयास जारी हैं।

बॉर्डर टूरिज्म और तनोट माता से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा कि सुबह मैंने बीएसएफ के अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा की है। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि तय समय में इसको पूरा कर पाएंगे। मुख्यमंत्री से भी मेरा इस विषय में विमर्श हुआ था। मैंने उनसे आग्रह किया है। वहां एमपी थिएटर बन रहा है, जहां हम फौज और बीएसएफ के साथ मिलकर रोजाना कुछ कार्यक्रम कर सकें। उसकी रचना की जा रही है। वहां एक भव्य एंट्री गेट बने, उसके ऊपर भी विचार हो रहा है। शेखावत ने कहा कि तनोट जाने वाला व्यक्ति सीमा का साक्षात्कार कर सके, इसके लिए गृह मंत्री ने जिस तरह का निर्देश दिया है। मैंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा, गृह और पर्यटन की एक बैठक की है। जल्द ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।