
सम्मेलन में गूंजा राजपुरोहित संत-सुरमाओं का गुणगान
जलतेदीप, लंदन। ब्रिटेन में बसे राजपुरोहितों ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विशाल राजपुरोहित सम्मेलन का आयोजन किया। इस विशाल सम्मेलन में लंदन ही नहीं, इंग्लैंड, वेल्श, स्कॉटलैंड और आयरलैंड में बसे राजपुरोहित बंधु भी शामिल हुए। ये यहां अपने पूर्वजों के गौरवशाली इतिहास, अपनी पहचान और संस्कारों के साथ हर साल राजपुरोहित सम्मेलन का आयोजन करते आ रहे हैं।

तिलक लगा और साफा बंधाकर किया मेहमानों का स्वागत
गत वर्ष की भाँति ही इस वर्ष भी मेहमानों को राजस्थानी स्वाद की पहचान दाल-बाटी और चूरमे के साथ विभिन्न राजस्थानी भोजन परोसे गए। मेहमानों का स्वागत तिलक लगा और साफा बंधाकर किया गया। बच्चों द्वारा मेहमानों का स्वागत जय रघुनाथ जी री सा और मनवार में जळ आरोगो सा जैसे संबोधनों से किया गया। इस कार्यक्रम में खास बच्चों को तैयार किया गया जिन्होंने अपने समाज, गांव और पूर्वजों के इतिहास के बारे में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ छोटी गैर और घुमर की प्रस्तुति भी दी।

जाजम ढाळी गई, लिक्विड डार्क चॉकलेट से मनुहार
राजपुरोहितों की जाजम ढाळी गई जहां समाज बंधू एक दूसरे को अपने हथेली में अमल की मनवार करते है । लेकिन नशे से दूर रहने का संदेश देते हुए अमल की जगह लिक्विड डार्क चॉकलेट का इस्तेमाल किया गया ।
लगता है अपने गांव के ही किसी आयोजन में भाग ले रहे हैं
हनवंतसिंघ गांव बाड़वा ने बताया कि इंग्लैंड का ये राजपुरोहित समाज ने अपनी संस्कृति को जीवित रखने के लिए ये अनुठी राजपुरोहित पहचान जीवित रखने और अफ़ीम के नुकसान को देखते हुए डार्क चॉकलेट का प्रयोग किया जो दिल के लिए अच्छी होती है । मितेश गाँव भोजास ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम हमारी आनेवाली पीढ़ी को उनकी जड़ों से जोड़ने के लिए जरुरी हैं, भंवरसिंह गाँव सांकरणा का कहना था कि बीस वर्षों से अधिक समय से लंदन में रह रहे हैं. बच्चे यहीं पले-बढ़े पर अब जो राजपुरोहित सम्मेलन के रूप में ये आयोजन होने लगे हैं उसी के बाद से हम दूसरे समाज बंधुओं के साथ जुड़ पा रहे हैं। सम्मेलन में ऐसा लगता हैं जैसे हम हमारे गाँव के किसी आयोजन में भाग ले रहे हैं। महेंद्र सिंह ने कहा कि हम कोशिश करते हैं के हमारे कार्यक्रम, हमारी बातचीत और यहाँ तक की हमारी वार्षिक मैगजिन में भी हमारी भाषा और संस्कृति कि झलक दिखे।

वार्षिक मैगजिन का विमोचन भी किया
इस अवसर पर राजपुरोहित समाज यूके ने अपनी वार्षिक मैगजिन समाज 2024 छपवाई है जिसका विमोचन सम्मेलन में मेहमानों द्वारा किया गया। खाने में दाल बाटी चुरमा , बिकानेरी जलेबी, मिर्ची बड़े और कई राजस्थानी व्यंजन बनाए गए। आयोजन में आशा गांव सांकरणा, चारुलता गांव बाड़वा और ललिता गांव भोजास ने मिलकर राजस्थानी भोजन बनाया। राजपुरोहित समाज के युवाओ में मितेश भोजास, दिनेश रडवा, मुकेश भादरलाऊ, केतन सोकड़ा, दशरथ राजेश्वरपुर, भंवरसिंघ सांकरणा, महेंद्रसिंघ धुंधियाड़ी, विपुलसिंह खाराबेरां, विनोद सिरोही ने टैन्ट व सजावट का काम संभाला।
देशी हथाई से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
इसी दिन जयवंत सिंघ बाड़वा का जन्मदिन था तो सभी समाज बंधुओं ने मिलकर केक काटा और सेलिब्रेट किया। कार्यक्रम की शुरुआत जागीदारों की ठेट देशी हथाई से शुरू हुई। आशा व भंवरसिंह गांव सांकरणा, चारुलता व हनवंतसिंह गांव बाड़वा, ललिता व मितेश गांव भोजास, शकुंतला व महेंद्रसिंह गांव धुंधियाड़ी, रेखा व विनोद गांव सिरोही, लक्ष्मी व महेंद्रसिंह गांव बाड़वा, उषा व प्रकाश गांव बाड़वा, पुजा व दशरथ गांव राजेश्वरपुर, अर्पिता व आनंद गांव लेड़ी, राकेशसिंह गांव मोरखा, विक्रम गांव पहाड़पुरा, नील गांव सांकरणा, केतन गांव सोकड़ा, मुकेश गांव भादरलाऊ, हितेशसिंह गांव शैवथळा, विपुलसिंह खाराबेरा, दिनेश गांव रड़वा, विशेष रूप से सपरिवार सम्मिलित रहे वहीं किशोरसिंह राजपुरोहित गांव लेड़ी और लक्ष्मण पुरोहित गांव राजेश्वरपुरा ने विशेष भारत से आकर बडेरचारा निभाया और समाज बंधुओं को अपना आशीर्वाद दिया ।
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