वास्तु शास्त्र के अनुसार अपके घर में रखे चकला-बेलन में छिपे हैं आपकी खुशियाली के राज

चकला-बेलन रसोई घर में एक जोड़ीदार पार्टस होते हैं और चकला-बेलन में हमारे और हमारे परिवार की सुख-समृद्धि और सेहत के अनेक राज छिपे होते हैं। क्योंकि यही तो ऐसे पात्र हैं जिन पर हाथों का सीधा स्पर्श होता है। और हाथों से एनर्जी कैंच करके हमसे इनका सीधा कनेक्शन बन जाता है। तो आइए आप भी जानें चकला-बेलन को लेकर आवश्यक बातें। चकला जब भी खरीदें अच्छा और मजबूत चकला ही खरीदें।

और चकला खरीदते समय यह भी जांच कर लें कि चकला आपके लिए सही है अथवा नहीं। चकला में किसी तरफ से कोई असंतुलन हुआ तो वह रोटी बनाते समय परेशानी करेगा। जोकि घर की सुख-समृद्धि के लिए ठीक नहीं माना जाता है। इसलिए अच्छे से जांच करके ही चकला की खरीदारी करें।

चकला खरीदते समय उसके कलर का भी खास ख्याल रखें। पत्थर के चकले कई अलग-अलग रंगों में आते हैं। चकला-बेलन के रंग अच्छे होने चाहिए। काले और नीले रंग के चकला-बेलन कभी ना लें। सफेद, पीले, भूरे और हरे चकला बहुत अच्छे होते हैं। लकड़ी के चकला-बेलन सबसे उत्तम माने जाते हैं। और अगर स्टील के चकला-बेलन हों तो वह शनि से प्रभावित होते हैं।

अगर आप स्टील के चकला-बेलन ही उपयोग में लाना चाहते हैं तो उपयोग से पहले चकला-बेलन पर थोड़ा दूध और कड़वा तेल छिड़कर प्रतिदिन टिशू पेपर या किसी साफ कपड़े की सहायता से साफ करें और उसके बाद ही स्टील के चकला-बेलन का उपयोग करें। संगमरमर के अगर आप चकला-बेलन प्रयोग करते हैं तो संगमरमर चंद्र ग्रह से प्रभावित होता है। इसलिए इस चकला को इस्तेमाल से पहले एक चुटकी नमक से पोंछ दें।

रोटयां बेलने के लिए चकला-बेलन पर सीधा तेल का लेप ना लगाएं। क्योंकि तेल शनि से प्रभावित होता है। प्लास्टिक के चकला-बेलन का प्रयोग अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए कभी भी ना करें। चकला- और बेलन का मेटेरियल एक ही धातु का होना चाहिए। रोटी कभी भी स्लेप पर नहीं बनाएं। चकला और बेलन की सहायता से ही रोटी बनाएं। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

यह रसोईघर का एक मात्र जोड़ीदार बर्तन है। और इन्हें साथ में इस्तेमाल करना चाहिए। और साथ में ही रखना चाहिए। प्रत्येक घर-परिवार में अलग-अलग साइज की रोटियां बनती हैं। इसके लिए चकला-बेलन खरीदते समय इनके साइज का भी ध्यान रखें। छोटे चकले पर बड़ी रोटियां बेलना और बड़े चकले पर छोटी रोटियां बेलना भी दोष उत्पन्न करता है। इसलिए अपने घर में बनने वाली रोटियों के साइज के हिसाब से ही चकला खरीदें। कभी भी घर के मेहमानों को चकला-बेलन नहीं सौंपना चाहिए।

केवल घर के लोग ही चकला-बेलन का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आपके पड़ोसी कभी आपका चकला-बेलन मांगे तो अपने पड़ोसियों को कभी भी अपने चकला-बेलन ना दें। इससे आपके घर-परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। और आप भी कभी किसी और के चकला-बेलन ना लें। रसोईघर में अपने स्टोव के बांयी तरफ ही चकला-बेलन रखें। चकला-बेलन को कभी भी दीवार पर नहीं टांगना चाहिए। किचिन स्टैंड पर भी कभी इन्हें सीधा खड़ा ना करें। चकला-बेलन को हमेशा सीधा ही रखना चाहिए।