आचार्य धर्मेंद्र पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

जयपुर। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के पूर्व सदस्य व प्रखर वक्ता आचार्य धर्मेंद्र का यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले केंद्रीय मंत्री, राजनीतिक हस्तियाें, संत समाज व धर्म जगत के लोगों ने आचार्य को श्रद्धांजलि दी। उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

पंच खंडपीठ के संत आचार्य धर्मेंद्र महाराज के देवलोकगमन की खबर आने के बाद मंगलवार को जयपुर जिला समेत विराटनगर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। विराटनगर समेत आसपास के इलाकों में बाजार बंद हो गए। आचार्य धर्मेंद्र के अंतिम दर्शन के लिए देश-प्रदेश से हजारों की संख्या में लोग विराटनगर पहुंचे। आचार्य धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा कस्बे के मुख्य मार्गों से होते हुए पावन पीठ पहुंची। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर आचार्य धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि दी।

इसके बाद पावन धाम स्थित आश्रम में आचार्य धर्मेंद्र महाराज का विधि-विधान से मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह, जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, विराटनगर विधायक इंद्राज गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक फूलचंद भिंडा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह ने महाराज के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि गोवंश के लिए 1966 में हुआ आंदोलन उनका देश के हित में बड़ा योगदान था। उन्होंने कहा कि आचार्य के जाने से उनके सिर से पिता का साया उठ गया। कर्नल राठौड़ ने कहा कि देश व हिन्दू समुदाय के लिए बहुत बड़ी क्षति हुई है, जो शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है। आचार्य धर्मेंद्र के गोवंश को बचाने के लिए किए गए योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। विधायक इंद्राज गुर्जर ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।

उल्लेखनीय है कि प्रखर वक्ता आचार्य धर्मेंद्र ने सोमवार सुबह राजस्थान के जयपुर में अंतिम सांस ली थी। आचार्य धर्मेंद्र पिछले एक महीने से बीमार थे। आचार्य धर्मेंद्र के दो बेटे सोमेंद्र शर्मा और प्रणवेंद्र शर्मा हैं। सोमेंद्र की पत्नी और आचार्य की बहू अर्चना शर्मा मौजूदा समय में गहलोत सरकार में सामाजिक कल्याण बोर्ड की चेयरपर्सन हैं।