आचार्य लोकेश व अभिनेता विवेक ओबेराय ने लाइव कार्यक्रम को किया संबोधित

Acharya Lokesh and actor Vivek Oberoi addressed the live event
Acharya Lokesh and actor Vivek Oberoi addressed the live event

आचार्य लोकेश ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण का समस्त प्राणियों के जीवन तथा इस धरती के समस्त प्राकृतिक परिवेश से घनिष्ठ सम्बंध है।

  • पर्यावरण संरक्षण के लिए धर्मगुरुओं व सामाजिक संगठनों को आगे आने की जरूरत : आचार्य लोकेश
  • प्रकृति को नुकसान पहुंचाने का परिणाम हैं कोरोना महामारी : विवेक ओबेराय

जलतेदीप यूरों, नई दिल्ली।

विश्व पर्यावरण दिवस पर अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश व प्रख्यात फिल्म अभिनेता विवेक ओबरॉय ने अहिंसा विश्व भारती द्वारा आयोजित फेसबुक लाइव कार्यक्रम को सम्बोधित कर बड़ी संख्या में श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर देकर अभिभूत कर दिया। विवेक ओबराय ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थिति में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसी विश्वव्यापी इस समस्या के समाधान के लिए हमें इसके मूल कारणों को खोज कर इसका निवारण करने की आवश्यकता है।

आज ऐसा कोई देश नहीं है जो कोरोना महामारी से नहीं जूझ रहा हैं तथा पर्यावरण संकट पर मंथन नहीं कर रहा हो। उन्होंने कहा कि भारत के पास पर्यावरण संरक्षण के लिए प्राचीन संस्कार है। भारतीय धर्मों में प्रकृति पूजन को प्रकृति संरक्षण के तौर पर मान्यता है। भगवान महावीर ने पर्यावरण संरक्षण की बात सदियों पहले की, उन्होने पेड़ लगाने की बात की। इस दौरान उन्होने सभी युवाओं से अपील की कि पर्यावरण संरक्षण के साथ जुड़े, इससे ही हम कोरोना जैसी महामारी से निजात पा सकते हैं।

यह भी पढ़ें-आचार्य डॉ लोकेश मुनि जी स्पेन में होंगे सम्मानित

आचार्य लोकेश ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण का समस्त प्राणियों के जीवन तथा इस धरती के समस्त प्राकृतिक परिवेश से घनिष्ठ सम्बंध है। पर्यावरण में असंतुलन की स्थिति के लिए मनुष्य की लोभी गतिविधियां ज़िम्मेदार है जिसका ज्वलंत उदाहरण करोना महामारी हमारे सामने हैं। उन्होने कहा कि प्रकृति और धर्म हमारे स्वस्थ, सुखी और आनंदमय जीवन का आधार स्तम्भ है।

यह भी पढ़ें-विश्व पर्यावरण दिवस: वन विभाग के कार्यक्रम में बोले मंत्री सुखराम विश्नोई, महामारी ने हमें पर्यावरण संरक्षण का महत्व बता दिया

किन्तु जब मनुष्य अपने स्वार्थ और लोभ के वशीभूत होकर प्रकृति और धर्म के विरुद्ध आचरण करता है तब हमारे स्वस्थ और सुखी जीवन में बाधा उत्पन्न होती है। सभी प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए यदि थोड़ा सा भी उचित दिशा में प्रयास करें तो इस समस्या से बच सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन निधीकुमार व शलोका ने किया