
जयपुर: एसीएमई सोलर होल्डिंग्स लिमिटेड की सहायक कंपनी, एसीएमई सीकर सोलर प्राइवेट लिमिटेड ने राजस्थान में 300 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट के लिए सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ 25 वर्षों का पॉवर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) साइन किया है। इस समझौते में 3.05 रुपए प्रति यूनिट की तय दर पर बिजली देने का करार हुआ है। यह समझौता सोमवार को एसीएमई सीकर द्वारा 300 मेगावाट का प्रोजेक्ट शुरू करने के बाद किया गया है।
यह निविदा पहले सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) की आईएसटीएस अठारहवीं ट्रेंच के तहत प्राप्त की गई थी, और इसकी तय टैरिफ दर को केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) ने 30 मई, 2025 को औपचारिक मंजूरी दी थी। समझौते के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से बिजली आपूर्ति 30 जून 2025 या उससे पहले शुरू होनी चाहिए। इस प्रोजेक्ट को इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) शुल्क से छूट भी प्राप्त है, क्योंकि इसकी निर्धारित वाणिज्यिक संचालन तिथि (एससीओडी) जून 2025 की सरकारी समयसीमा से पहले की है। यह प्रावधान सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को समय पर शुरू करने के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहनों के अनुरूप है।
इस उपलब्धि के साथ, एसीएमई सोलर का साइन किया हुआ कुल पीपीए पोर्टफोलियो अब 5,130 मेगावाट पर पहुँच गया है, जिसमें से 2,890 मेगावाट पहले से ही संचालित हो रहा है और बाकि विभिन्न चरणों में काम जारी है। इसके अलावा, कंपनी के पास 1,840 मेगावाट की मजबूत योजना है, जिसके लिए लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) प्राप्त हो चुका है। एसीएमई सोलर का कुल पोर्टफोलियो 86% ऑफटेक केंद्रीय सरकारी उपक्रमों के साथ है, जबकि शेष 14% राज्य वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) के साथ है।
एसीएमई सोलर होल्डिंग्स के बारे में:
एसीएमई सोलर होल्डिंग्स एक अग्रणी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी है, जिसके पास 6,970 मेगावाट की क्षमता का विविध पोर्टफोलियो है। इसमें सोलर, विंड, फ्लेक्सिबल डिस्टैच रिन्यूएबल एनर्जी (एफडीआरई) और हाइब्रिड समाधान शामिल हैं। इस उपलब्धि के साथ, एसीएमई सोलर की चालू क्षमता 2,890 मेगावाट हो गई है और 4,080 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता का विभिन्न चरणों में काम जारी है। अपनी इन-हाउस ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) और ओएंडएम (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) टीम के साथ, कंपनी पॉवर प्लांट्स का शुरू से अंत तक संपूर्ण विकास और संचालन करती है। इससे प्रोजेक्ट समय और लागत दोनों के लिहाज़ से किफायती तरीके से पूरे होते हैं, साथ ही कंपनी की परिचालन क्षमता (सीयूएफ) और लाभांश (मार्जिन) इंडस्ट्री में बेहतरीन स्तर पर बनी रहती है।