
जयपुर: भारत की लीडिंग रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी और एसीएमई ग्रुप का हिस्सा, एसीएमई सोलर होल्डिंग्स ने अपनी 100% सब्सिडियरी कंपनी अकलेरा पावर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए ₹1,072 करोड़ की घरेलू प्रोजेक्ट फाइनेंस सुविधा प्राप्त की है। यह फंडिंग राजस्थान स्थित 250 मेगावॉट के चालू प्रोजेक्ट के लिए ली गई है, ताकि पुराने कर्ज का पुनर्भुगतान किया जा सके और वित्तीय लागत को 95 बेसिस प्वाइंट घटाकर सालाना 8.5% तक कम किया जा सके। यह प्रोजेक्ट लगभग 18 महीनों से चालू है और वित्त वर्ष-25 में इसने 29.3% की सीयूएफ हासिल की है। इस प्रोजेक्ट के लिए 18 वर्षों की अवधि वाली री-फाइनेंसिंग की गई है, जो बैंक ऑफ़ अमेरिका और स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक जैसी संस्थाओं के नेतृत्व वाले एक समूह से प्राप्त हुई है। इस फंडिंग से प्रोजेक्ट की रणनीतिक दिशा एसीएमई सोलर के उस लक्ष्य के अनुरूप हो गई है, जिसमें वह अपनी क्रेडिट रेटिंग को बेहतर बनाना और अपने पूरे प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो की वित्तीय लागत को कम करना चाहता है।
पिछले छह महीनों में अब तक किए गए ₹4,575 करोड़ के री-फाइनेंसिंग में यह एक और नई सफलता जुड़ गई है। यह एसीएमई ग्रुप की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद कर्ज की लागत कम करने और क्रेडिट प्रोफाइल सुधारने के लिए री-फाइनेंसिंग की जा रही है।
बैंक ऑफ़ अमेरिका पहले से ही एसीएमई ग्रुप का लेंडर रहा है, लेकिन इस नई री-फाइनेंसिंग के साथ अब बैंक ऑफ़ अमेरिका और स्टैण्डर्ड चार्टर्ड दोनों को ग्रुप के प्रोजेक्ट फाइनेंस लेंडर्स के रूप में जोड़ा गया है।
प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैंकों द्वारा की गई वर्तमान री-फाइनेंसिंग यह दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय लेंडिंग पार्टनर्स को भारतीय रिन्यूएबल सेक्टर और इस क्षेत्र में एसीएमई सोलर के प्रोजेक्ट क्रियान्वयन और संचालन क्षमताओं पर भरोसा है। यह कदम एसीएमई सोलर के अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता नेटवर्क को पहले से जुड़े प्रतिष्ठित ऋणदाताओं के साथ और अधिक मजबूत बनाने में मदद करता है।
एसीएमई सोलर होल्डिंग्स के ग्रुप सीएफओ रजत कुमार सिंह के अनुसार, “यह री-फाइनेंसिंग हमारी उस रणनीति के अनुरूप है, जिसके तहत हम कर्ज की लागत घटाकर एक प्रभावी कैपिटल स्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं, साथ ही फंडिंग के स्रोतों और लेंडिंग पार्टनर्स में विविधता लाना चाहते हैं। हमने वित्तीय अनुशासन और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाकर अपने प्रोजेक्ट्स की क्रेडिट रेटिंग में सुधार किया है। कर्ज की लागत कम होने से हमारी वित्तीय स्थिति और मजबूत होती है, जिससे आने वाले वर्षों में क्षमता विस्तार के हमारे लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।”