गुर्जर आंदोलन : गुर्जरों के पीलूपुरा में जुटने के आह्वान पर प्रशासन अलर्ट मोड पर, इंटरनेट बंद

बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात, करौली में नहीं चली रोडवेज बसें

भरतपुर। गुर्जरों के रविवार को भरतपुर जिले के पीलूपुरा में जुटने के आह्वान पर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर समाज के नेता दो फाड़ हो गए हैं। राज्य सरकार ने गुर्जर समाज के एक गुट के साथ 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया, वहीं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने चक्का जाम की घोषणा को बरकरार रखा है।

इसे देखते हुए करौली जिले में रविवार को बसें नहीं चलीं तो बयाना में पुलिस फोर्स जुटी है। साथ ही कई तहसीलों में साथ ही इंटरनेट सेवाएं अब रविवार आधी रात तक के लिए ठप कर दी गई हैं।

जयपुर में जहां एक गुट ने 14 सूत्री मांगों पर सरकार से समझौता कर लिया। वहीं कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला शनिवार देर रात तक आंदोलन करने पर अड़े हुए थे। वे बयाना के पीलूपुरा स्थित शहीद स्थल पर सभा करके अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। इस बीच, पूरे जिले में धारा 144 लागू है। इसमें किसी भी स्थल पर सार्वजनिक सभाएं करने, हथियार लेकर चलने पर रोक है।

कलेक्टर नथमल डिडेल तथा आला अधिकारी बयाना में डेरा डाले हुए हैं

दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के 150 जवान तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है। इसके लिए बयाना में तीन आरएएस अधिकारियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है। सरकारी अधिकारियों, पुलिस कर्मियों की छुट्टियां पहले ही रद्द की जा चुकी हैं। एहतियात के तौर पर बयाना में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल और पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

शहीद स्थल पर भीड़ जुटाने को गांवों में किया जनसंपर्क और सभाएं

इधर, गुर्जरों नेताओं के मुताबिक गुर्जर समाज के लोग रविवार को बयाना-हिण्डौन रोड स्थित पीलूपुरा-कारबारी शहीद स्थल पर जुटेंगे। इससे पहले आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने के लिए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला और भूरा भगत ने शनिवार को बयाना एवं करौली के गुर्जर बहुल गांवों में जनसंपर्क और सभाएं कीं।

इस बीच, रेंज आईजी संजीव नार्जरी और जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने पीलूपुरा स्थित आंदोलन स्थल का मुआयना किया। इसके बाद आरपीएफ और जीआरपी के अफसरों से मीटिंग कर उन्हें जरूरी निर्देश दिए।

आरएसी की कंपनियां बयाना पहुंची

गुर्जर आंदोलन के पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए आरएसी की दो कंपनियां पहुंच चुकी हैं। स्टेशन और ट्रैक की सुरक्षा के लिए आरपीएफ के 100 और जीआरपी के 300 जवान भी पहुंच चुके हैं। आरपीएफ चौकी इंचार्ज मुकेश चौधरी ने बताया कि इन्हें बयाना और फतेहसिंहपुरा के बीच स्टेशनों और ट्रैक पर तैनात किया जाएगा।