
नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने का ट्रेंड तेज़ी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है, और इसकी सबसे बड़ी वजह है—खर्चों के मामले में पारंपरिक इंटरनल कम्बशन इंजन वाले वाहनों की तुलना में ईवीएस साफ-साफ मिलने वाला फायदा। भले ही इसकी शुरुआती कीमत थोड़ी अधिक लगे, लेकिन लंबे समय में इलेक्ट्रिक वाहन टिकाऊ और किफायती मोबिलिटी की तलाश कर रहे खरीदारों के लिए बिल्कुल उपयुक्त और समझदारी भरा निर्णय बन जाते हैं। टाटा ईवी इस बदलाव का झंडाबरदार बन गया है, जो ईवीएस और ICE मॉडल्स के बीच कीमतों की खाई को तेज़ी से पाट रहा है। वाहन चलाने और उसके रखरखाव के बेहद कम खर्च के साथ, ईवीएस न सिर्फ भविष्य का वाहन बन रहे हैं, बल्कि एक कार का मालिक होने के मामले में भी नई परिभाषाएं गढ़ रहे हैं।

VAHAN पोर्टल के डेटा के अनुसार, साल 2024 में इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में ज़बरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। इस अवधि में रिटेल बिक्री 89,000 यूनिट्स से भी पार पहुंच गई, जो पिछले साल की तुलना में 22% की वृद्धि है। यह वृद्धि ईवी र के व्यापक विकास को भी दर्शाती है, जहां कुल 19 लाख यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई, जो कि 27% की शानदार तेज़ी है। आर्थिक लाभ के अलावा, निर्माताओं के बढ़ते समर्थन और सरकारी पहलों के विस्तार ने भी उपभोक्ताओं के बीच ईवीएस के प्रति भरोसे को नई उड़ान दी है।
ईवीएस के वित्तीय फायदें
ईवीएस के स्वामित्व से जुड़े खर्चों का गहराई से विश्लेषण करने पर कई स्तरों पर उल्लेखनीय बचत का पता चलता है। जैसे-जैसे बैटरी की कीमतें घट रही हैं, नेक्सन.ईवी जैसे मॉडलों को खरीदने का कुल खर्च पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी हो रहा है। जब इसकी तुलना समकक्ष पेट्रोल, डीजल, हाइब्रिड और सीएनजी वाहनों से की जाती है, तो नेक्सन.ईवी खर्च के मामले में बेहद आकर्षक किफायत पेश करता है, जिस कारण से वीएस अब व्यापक उपभोक्ता वर्ग के लिए अधिक सुलभ बनती जा रही हैं।
वाहन की खरीदी के बाद, खर्चों से संबंधित ईवीएस के निरंतर लाभ और भी स्पष्ट हो जाते हैं। एक वी चार्ज करना, पारंपरिक इंजन वाहन में ईंधन भरवाने की तुलना में कहीं अधिक किफायती है। साथ ही, ईवीएस में मूविंग पार्ट्स की संख्या कम होने के कारण रखरखाव का खर्च भी काफी कम रहता है, जिससे इन्हें एक दीर्घकालिक किफायती विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, अगर रूफटॉप सोलर सिस्टम को एकीकृत किया जाए, तो ईवी का मालिक बनने पर बचत में एक और बेहतर पहलू जुड़ जाता है — उपभोक्ता शून्य खर्च पर अपने वाहन को चला सकते हैं और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा के खर्च में भी उल्लेखनीय कमी ला सकते हैं। इस प्रकार से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर कदम बढ़ाना पहले से कहीं अधिक फायदेमंद बन जाता है।
