अबू आजमी के बाद अब संजय राउत के विवादित बोल, कहा- भाजपा का शासन औरंगजेब के समय से भी बदतर

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत

मुंबई। महाराष्ट्र में औरंगजेब के नाम पर राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही है। समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के बयान पर मचा बवाल मुश्किल से शांत हुआ था कि शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने औरंगजेब के नाम का दूसरा बम फोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि- महाराष्ट्र में भाजपा का शासन औरंगजेब के दौर से भी बुरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में किसान, बेरोजगार और महिलाएं आत्महत्या कर रहे हैं और इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है।

‘अगर मुगल ने अत्याचार किए, तो मौजूदा सरकार क्या कर रही है?’

अपने बयान में संजय राउत ने कहा, ‘औरंगजेब को मरे 400 साल हो चुके हैं। उसे भूल जाओ। क्या महाराष्ट्र के किसान औरंगजेब की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं? नहीं, वे आपके कारण कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर मुगल शासक ने अत्याचार किए, तो अब सरकार क्या कर रही है? किसान आत्महत्या कर रहे हैं। बीजेपी का शासन औरंगजेब के दौर से भी खराब है।

औरंगजेब की कब्र हटाने पर बयान

संजय राउत का यह बयान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उस टिप्पणी पर आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘हर कोई चाहता है कि औरंगजेब की कब्र हटाई जाए, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत सुरक्षित कर दिया था, इसलिए इसे कानूनी तरीके से हटाना होगा।’ बता दें कि, भाजपा के सांसद और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर में मौजूद औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी। मुगल शासक औरंगजेब को महाराष्ट्र में मराठों के खिलाफ युद्धों के लिए याद किया जाता है। छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी को औरंगजेब ने पकड़कर तमाम यातनाएं दीं और फिर उनकी हत्या करवा दी थी।

पहले अबू आजमी ने की थी औरंगजेब की तारीफ

सपा नेता ने दावा किया था, ‘सारा गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए…औरंगजेब क्रूर नहीं था।’ एक समाचार चैनल के साथ इंटरव्यू में सपा नेता ने कहा था, ‘मैंने औरंगजेब के बारे में जितना पढ़ा है, उसने कभी भी जनता का पैसा अपने लिए नहीं लिया, उसका शासन बर्मा (वर्तमान म्यांमार) तक फैला हुआ था, उस समय देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह एक महान प्रशासक थे, उसकी सेना में कई हिंदू कमांडर थे।’