आखिर अब तक एसओजी को पायलट खेमे का पता क्यों नहीं लग रहा?

एसओजी का बांसवाडा और उदयपुर में भाजपा के 4 नेताओं को नोटिस

जयपुर। आनंदपाल जैसे गैंगस्टर को तलाश कर एनकाउंटर में ढेर करने वाली एसओजी को विधायक नहीं मिल रहे हैं। एसओजी की टीम हरियाणा-दिल्ली पुलिस की मदद से 6 दिन से पायलट खेमे के विधायकों को तलाश रही है। हरियाणा के मानेसर और दिल्ली के बसंत विहार में 5-6 होटलों की तलाशी ली जा चुकी है। एसओजी के होटल पहुंचने से पहले ही विधायक वहां से जा चुके होते हैं।

होटल बदलने से कुछ देर पहले विधायक मोबाइल ऑन कर एसओजी टीम को क्लू देते हैं और फिर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते हैं। एसओजी ने आईपीएस विकास शर्मा के नेतृत्व में दिल्ली गई टीम को बुधवार को वापस बुला लिया। अब दूसरी टीम को दिल्ली और हरियाणा भेजा है।

एसओजी की मदद के लिए राजस्थान के डीजीपी ने 2 दिन पहले हरियाणा के डीजीपी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मदद मांगी थी। एसओजी ने बांसवाडा के भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी, करणी सिंह, उदयपुर के तनवीर और बलवंत को पूछताछ के लिए जिला पुलिस की मदद से नोटिस भेजा है।

करणी सिंह को बुधवार को एसओजी ऑफिस पहुंचना था, लेकिन नहीं पहुंचा। उसके राजस्थान से बाहर होने की सूचना है। एसओजी अब करणी सिंह की तलाश करेगी। उधर, बीकानेर के लूणकरणसर निवासी संजय जैन को एसओजी ने बुधवार को रिमांड पूरी होने पर कोर्ट में पेश किया। उसे दुबारा 2 दिन के रिमांड पर लिया है।

सीबीआई बुधवार को शांत रही

सोमवार और मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों और कांग्रेस विधायक से पूछताछ करने के बाद सीबीआई की टीम बुधवार को शांत रही। राजगढ़ थाना प्रभारी विष्णुदत्त बिश्नोई की आत्महत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को ना तो किसी के बयान लिए और ना ही किसी को बुलाया। सीबीआई ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी और विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ की थी।

पूनिया से सीबीआई टीम ने 2 दिन पूछताछ की। जांच में सामने आया है कि विष्णुदत्त की मौत से कुछ दिन पहले थाना प्रभारी की देवाराम सैनी और पूनिया से बात हुई थी। इसके आधार पर सीबीआई ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया था।

10 जुलाई से नोटिस देने का सिलसिला, 3 दिन की मियाद, लेकिन बयान एक भी नहीं

एसओजी ने 2 मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत के आधार पर 10 जुलाई को केस दर्ज किया था। सबसे पहले मुख्यमंत्री गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और सभी निर्दलीय विधायकों को नोटिस दिया।

किसी भी विधायक ने ना तो बयान देने का समय बताया और ना ही तारीख और जगह बताई। फिर सरकार की ओर से वायरल ऑडियो के आधार पर चीफ व्हिप महेश जोशी ने एसीबी और एसओजी में रिपोर्ट दी। एसओजी ने 2 केस दर्ज किए। विधायक भंवरलाल शर्मा, संजय जैन और गजेन्द्र सिंह को आरोपी बनाया।

भंवरलाल एसओजी को मिले ही नहीं। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह को उनके निजी सहायक के जरिए नोटिस मिला, लेकि बयान नहीं हुए। विधायक महेन्द्रजीत सिंह और रमिला खडयि़ा को भी नोटिस दिया था। लेकिन वे भी बयानों के लिए नहीं आए। विश्वेन्द्र सिंह और भंवरलाल शर्मा के घर पर 20 जुलाई को नोटिस लगाकर तीन दिन में जांच के लिए हाजिर होने के लिए कहा था, लेकिन अभी तक सामने नहीं आए।