कर्नाटक के बाद, पंजाब और बिहार में स्कूल खुलते ही शिक्षक निकले कोरोना पॉजिटिव: संयुक्त अभिभावक संघ

राजस्थान सरकार पुन्ह विचार करे

वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षा जरूरी या स्वास्थ्य

जयपुर। संयुक्त अभिभावक संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार से अपील की है कि वह 18 जनवरी से स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर खोलने के आदेश पर पुन्ह विचार करें। कर्नाटक में स्कूल खुलते ही बड़ी संख्या में शिक्षक और बच्चे कोरोना पॉजिटिव की खबरे आई थी, अब पंजाब और बिहार से भी बड़ी संख्या में शिक्षक और बच्चे पहले ही दिन बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटव की खबरें मिल रही है।

प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार को खासकर बच्चों के स्वास्थ्य से समझौता ना करते हुए जिन – जिन राज्यों ने स्कूल खोलने के आदेश दिए पहले उन सभी राज्यों की समीक्षा कर लेनी चाहिए उसके बाद स्कूल, कॉलेज और कोंचिग सेंटरों को खोलने के आदेश जारी करने चाहिए।

हरियाणा, आंध्र प्रदेश, मेघालत, मणिपुर राज्यों ने स्कूल खोलकर जल्दबाजी की थी जिसके बाद तत्काल आदेश वापस लेने पड़े थे, अब कर्नाटक, पंजाब, बिहार के राज्यों ने स्कूलों को खोलने के आदेश दिए, जिनकी पहले दिन की रिपोर्ट में बड़ी संख्या में शिक्षक और बच्चे कोरोना संक्रमित पाए जा रहे है।

अगर राज्य में स्कूल, कॉलेज, कोंचिग सेंटर खोलने बाद ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हो गई तो राज्य में हाहाकार मच जाएगा। जिसके दुर्गामी परिणाम राज्य सरकार को भुगतने पड़ेंगे। संयुक्त अभिभावक संघ राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से पुनः अपील करते हुए अनुरोध करता है कि वह 18 जनवरी से अपने दिए आदेश पर पुन्ह विचार करे और प्रदेश को कोरोना से बचाने में अपना योगदान देंवे।

बाल आयोग, महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग को देंगे ज्ञापन

संयुक्त अभिभावक संघ ने 18 जनवरी से खुल रहे स्कूल, कॉलेज और कोंचिग सेंटर को खोलने के आदेश को लेकर बाल आयोग, महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।

अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल और लीगल सेल अध्यक्ष एडवोकेट अमित छंगाणी ने जानकारी देते हुए बताया कि निजी स्कूल,कॉलेज और कोंचिग सेंटर संचालकों की हठधर्मिता के चलते राज्य सरकार ने दबाव में आकर बिना सोचे-समझे स्कूल, कॉलेज और कोंचिग सेंटरों को खोलने के आदेश दे दिया, जबकी सबसे राज्य सरकार को शिक्षकों और बच्चों की मोनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए साथ ही कैसे उनकी जांच सुनिश्चित होगी उस व्यवस्था को सुनिश्चित करना चाहिए था किंतु राज्य सरकार ने जल्दबाजी के बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए तुगलकी फरमान जारी कर दिए।

इन्ही मांगों को लेकर सोमवार को बाल आयोग, महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग को देंगे ज्ञापन दिया जाएगा साथ मुख्यमंत्री के नाम जिलाधीश को भी ज्ञापन दिया जाएगा।