पूरा देश इस समय अपने राष्ट्रीय त्योहार की तैयारियों में लगा हुआ है। 26 जनवरी को हम सब अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। इस खास मौके के जश्न के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। स्कूलों और कॉलेजों में बच्चे सांस्कृतिक तैयारियों में व्यस्त हैं, तो वहीं कर्तव्य पथ पर भारतीय सैनिक 26 जनवरी को होने वाली परेड की तैयारियां करते नजर आ रहे हैं। यह राष्ट्रीय पर्व हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और कर्तव्य पथ इसका भव्य कार्यक्रम भी आयोजित होता है।हालांकि, अक्सर लोग गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं और दोनों को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। ऐसे में आप इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस एक-दूसरे से अलग है और दोनों को मनाने के तरीकों में क्या अंतर है।
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में अंतर

गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन साल 1950 में भारतीय संविधान के लागू होने की अवसर पर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यह वही दिन है, जब हमारा देश पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक बना था। वहीं, 15 अगस्त को मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस हमारी आजादी का प्रतीक है। इसी दिन साल 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। अपनी इसी आजादी का जश्न मनाने के लिए हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
जश्न की जगह

गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह हर साल नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर मनाया जाता है। इस दौरान देश की तीनों सेनाएं और अन्य सशक्त बलों द्वारा परेड का प्रदर्शन किया जाता है। साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों की झांकियां भी निकाली जाती है। वहीं, इसके विपरीत स्वतंत्रता दिवस का समारोह में प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली में लाल किले पर ध्वजारोहण और उसके बाद देश के नाम संबोधन दिया जाता है।
संविधान पर रहता है फोकस
गणतंत्र दिवस के दिन खास फोकस भारतीय संविधान को अपनाने पर होता है। यह दिन हमारे संविधान पर जोर देता है, जो लोकतंत्र के प्रति देश की प्रतिबद्धता को उजागर करता है, जबकि स्वतंत्रता दिवस आजादी प्राप्त करने के राजनीतिक और ऐतिहासिक महत्व पर केंद्रित है।
जश्न मनाने वाले समारोह
गणतंत्र दिवस पर सैन्य परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भारत की विविध विरासत का प्रदर्शन किया जाता है। वहीं, स्वतंत्रता दिवस में देशभक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।
विदेशी मेहमान
गणतंत्र दिवस के मौके पर अक्सर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को परेड के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। वहीं, स्वतंत्रता दिवस पर आम तौर पर प्रधानमंत्री का संबोधन होता है और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान के लिए विशेष व्यक्तियों का सम्मान किया जाता है।
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