
अगरतला। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में अगरतला स्मार्ट सिटी ने एक कोविड-19 नमूना संग्रह (सैम्पल कलेक्शन) कियोस्क की रूपरेखा तैयार की है और उसे नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को सुपुर्द कर दिया है। यह कियोस्क नमूना संग्रह चिकित्सक की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) की बर्बादी रोकता है।
अगरतला में कोविड-19 सैम्पल कलेक्शन कियोस्क की रूपरेखा तैयार
यह पहल अगरतला द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख कदम है। तीन पहिया वाहन पर स्थापित कियोस्क इसे तंग गलियों से गुजरने में सक्षम बनाता है और खुद समुदाय से ही नमूनों के संग्रहण में मदद करता है। मरीजों के लिए नमूना देने के लिए अस्पताल जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अगरतला द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख कदम है।
कियोस्क अल्प समय सीमा में बड़ी संख्या में लोगों की सामूहिक जांच को भी सक्षम बनाता है। यह पहल अगरतला नगर निगम के निगमायुक्त द्वारा की गई जो अगरतला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी हैं।
स्वदेशी रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीएस डायग्नोस्टिक किट बनाने के मामले में मई 2020 तक देश आत्मनिर्भर हो जाएगा: हर्षवर्धन
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- डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड के शमन के लिए वैज्ञानिकों से तेजी से समाधान तलाशने को कहा फ्लू के इलाज में इस्तेमाल हो सकने वाले कमसे कम से छह तरह के टीकों पर काम चल रहा है जिनमें से चार पर शोध अंतिम चरण में है–हर्षवर्धन
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और उसके स्वायत्त संस्थानों (एआई और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) बीआईआरएसी तथा बीआईबीसीओएल द्वारा कोविड संकट से निपटने के लिए विशेष रूप से वैक्सीन, तथा स्वेदशी रैपिड टेस्ट और आरटी -पीसीआर नैदानिक किट विकसित करने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की।
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डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि डीबीटी ने कोविड से निपटने के लिए तत्काल समाधान के साथ-साथदीर्घकालिक तैयारियों के लिए एक बहु-आयामी अनुसंधान रणनीति और कार्य योजना तैयार की है।इस बहुपक्षीय प्रयासों में कोविड के लिए फ्लू जैसा टीका विकसित करने के साथ ही होस्ट और पैथोजन पर स्वदेशी डायग्नोस्टिक्स जीनोमिक अध्ययन शामिल है।