अपनी मांगों के लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ वार्ता दूसरा दौर भी बेनतीजा रहा

जयपुर। कोरोना काल के बिजली बिल माफ करने और बिजली बिल पर 833 रुपए के प्रति माह अनुदान सहित कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और प्रशासन के बीच वार्ता का दूसरा दौर भी बेनतीजा रहा। जोधपुर की तरफ आने वाले सारे रास्ते बंद करने के बावजूद किसान शहर की सीमा के निकट माणकलाव तक पहुंच चुके है। अब बड़ी संख्या में किसान वहां से कूच करने की तैयारी में है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया हुआ है।

आंदोलन कर रहे किसानों व प्रशासन के बीच मंगलवार रात वार्ता का पहला दौर विफल होने के बाद किसान पैदल ही जोधपुर की तरफ रवाना हो गए। शाम तक बड़ी संख्या में किसान शहर की सीमा के नजदीक माणकलाव तक पहुंच गए। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। रात साढ़े ग्यारह बजे कलेक्ट्रेट खोला गया और किसानों के दस प्रतिनिधियों को जोधपुर लाकर वार्ता शुरू की गई।

जोधपुर डिस्म के प्रबंध निदेशक अविनाश सिंघवी, जिला कलेक्टर इंद्रजीतसिंह के साथ रात ढाई बजे तक वार्ता का दूसरा दौर चला। किसान कोरोना काल के बिजली बिल माफ करने पर प्रति माह बिल पर 833 रुपए के अनुदान पर तुरंत फैसला करने पर अड़ गए। जयपुर बिजली विभाग के प्रिंसिपल सैक्रेटरी से भी बात की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया। आखिरकार रात ढाई बजे दूसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई और किसान प्रतिनिधि वापस माणकलाव लौट गए।

जोधपुर की तरफ बढऩे की तैयारी में किसान

माणकलाव में सड़क पर बैठे डेढ़ से दो हजार किसानों ने सड़क पर ही रात गुजारी। आज सुबह किसानों ने योग कर स्वयं को तरोताजा किया। इसके बाद पूजा-अर्चना कर सड़क पर बैठ भोजन किया। किसानों के लिए भोजन वहीं पर बनाया जा रहा है। दिन चढऩे के साथ ही अन्य गांवों से किसानों के माणकलाव पहुंचने का क्रम भी बढ़ गया।

अब किसानों ने जोधपुर मार्च करने की घोषणा कर दी है। उनका कहना है कि यदि पुलिस ने हमारे वाहन रोके तो हम पैदल ही जोधपुर शहर में घुस जाएंगे। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। फिलहाल अधिकारी किसानों से समजाइश कर रहे है कि वे आगे नहीं बड़े। उनकी मुख्य मांगे राज्य सरकार से जुड़ी है और उनका स्थानीय स्तर पर समाधान नहीं निकल सकता।