वायु प्रदूषण से इंसानों में फैसला लेने की क्षमता हो रही प्रभावित

वर्तमान समय में वायु प्रदूषण इंसानों के लिए घातक साबित हो रहा है। हालिया एक शोध में यह दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण इंसानों में फैसले लेने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है।

 

अमेरिकी जियोफिजिकल यूनियन में शोधकर्ताओं ने यह शोध प्रस्तुत किया। इस शोध के अनुसार, कार्बन-डाई-ऑक्साइड इंसानों के स्पष्ट तौर पर सोचने की क्षमता को नुकसान पहुंचा रही है। इस शोध में पूर्व के शोधों का सहयोग लिया गया है। इसमें दर्शाया गया है कि कैसे घर के अंदर मौजूद प्रदूषित वायु और वायु संचार की खराब व्यवस्था लोगों की मानसिक क्षमता पर प्रभाव डालती है।

 

शोधकर्ताओं ने कहा कि इंसान का संज्ञानात्मक प्रदर्शन कार्बन-डाई-ऑक्साइड में वृद्धि होने पर घटता है। सीओटू द्वारा संज्ञानात्मक प्रदर्शन पर होने वाले सीधे प्रभाव को टाला नहीं जा सकता। यह शोध पत्रिका जियोहेल्थ में प्रकाशित हुआ है। पूर्व के शोधों में कहा गया था कि कमरे में मौजूद सीओटू की मात्रा को कम करने के लिए वेंटिलेशन को बेहतर करने और वायु का संचार बनाए रखने की जरूरत है।

 

दिमाग को क्षति पहुंचने से ऐसे रोका जा सकता है- पूर्व के शोधों में दिमाग की कार्यप्रणाली और कार्बन डाई-ऑक्साइड के बीच संबंध देखा गया है, लेकिन यह पता नहीं चल सका है कि यह गैस हमारे दिमाग को कैसे प्रभावित करती है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि दिमाग के प्रदर्शन पर पडऩे वाले कार्बन-डाई-ऑक्साइड के सभी नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।