
तेजी से बदलती लाइफस्टाइल की वजह से लोग इन दिनों कई ऐसी आदतों का शिकार होते जा रहे हैं, जो उनकी सेहत पर बुरा असर डालती है। शराब इन्हीं आदतों में से एक है, जो कई तरह से सेहत को नुकसान पहुंचाती है। यही वजह है कि खुद डॉक्टर्स भी लोगों को इससे दूरी बनाने की सलाह देते हैं। इन दिनों हर तरफ नए साल की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। ऐसे में पार्टी या जश्न मनाते हुए कई लोग जाम छलकाते भी नजर आते हैं।
अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो अक्सर पार्टी करते हुए शराब का सेवन करते हैं, तो यह खबर आपके बेहद काम की है। दरअसल, हाल ही में शराब पीने को लेकर एक स्टडी सामने आई है, जिसमें यह पता चला कि जो लोग अत्यधिक शराब पीने से शराब से संबंधित सिरोसिस विकसित होने की संभावना छह गुना ज्यादा होती है। ऐसे में जानते हैं इस स्टडी और शराब के नुकसान के बारे में विस्तार से-
क्या कहती है स्टडी?
यूसीएल, रॉयल फ्री हॉस्पिटल, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक नए शोध के अनुसार, जो लोग बहुत ज्यादा मात्रा में शराब पीते हैं और उनमें एक निश्चित आनुवंशिक संरचना होती है, ऐसे लोगों में शराब से संबंधित सिरोसिस विकसित होने की संभावना छह गुना अधिक होती है। शराब से होने वालों नुकसानों की गिनती यही खत्म नहीं होती है। इसे पीने से सेहत को और भी कई नुकसान होते हैं। आइए जानते हैं शराब से होने वाले अन्य हानिकारक प्रभाव-
कमजोर इम्युनिटी

भारी मात्रा में शराब पीने से आपके शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली कम हो जाती है। ऐसे में इम्युनिटी कमजोर होने पर आप आसानी से कीटाणुओं और वायरस की चपेट में आ सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर

अगर शराब पीते हैं, तो इससे ब्लड प्रेशर में अस्थायी वृद्धि हो सकती है। हालांकि, नियमित शराब पीने से लगातार ब्लड प्रेशर में बढ़ोतरी हो सकती है, जिसे क्रोनिक हाई ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है। इससे हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा काफी बढ़ सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएं
बहुत ज्यादा शराब पीने से आपके पाचन स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। यह आपकी आंत की विटामिन और पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित करने और भोजन को पचाने की क्षमता में बाधा डाल सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
नियमित शराब पीने से आपके पूरे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अगर आप शराब पीने के आदि हैं, तो यह कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे बाइपोलर डिसऑर्डर, एंग्जायटी और डिप्रेशन के लक्षणों को भी बढ़ा सकता है।
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