
विश्वविद्यालयों को छात्रों को न केवल उनकी पहली नौकरी के लिए, बल्कि जीवन भर सीखने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है : डॉ. तोमर
आईएयूपी, ओसाका उच्च शिक्षा सम्मेलन
जयपुर। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट्स (आईएयूपी) ने तानोइका गौकेन एजुकेशन फाउंडेशन के सहयोग से, 12 से 15 सितंबर, 2023 तक ओसाका, जापान में एक अर्ध-वार्षिक कार्यक्रम की सफलतापूर्वक मेजबानी की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए, ज्ञान और रणनीतियों के गहन आदान-प्रदान में संलग्न होने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपतियों को एक साथ लाना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. बलवीर एस. तोमर रहे। इस सेशन पर चर्चा के लिए मॉडरेटर-फर्नांडो गैल्वान, यूनिवर्सिडैड अल्काला डे हेनारेस (स्पेन), असिलबेक कोजख़मेतोव, अल्माटी प्रबंधन विश्वविद्यालय (कजाकिस्तान), ताकाहिरो ओनो, क्योटो यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज (जापान), ज़ी हुई, हुनान विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (चीन) शमिल रहे।
चार दिवसीय कार्यक्रम को गहन चर्चाओं, अकेडमिक प्रेजेंटेशन और सत्रों द्वारा चिह्नित किया गया, जो इंटरनेशनल कोलैबोरेशन को बढ़ावा देने और हायर एजुकेशन में उत्कृष्टता लाने के लिए आईएयूपी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है। उच्च शिक्षा और रोजगार की पृष्ठभूमि पर नए विचार व दृष्टिकोण का पता लगाने, नयी एजुकेशन पालिसी को साझा करने और शिक्षा जगत के लगातार विकसित हो रहे परिदृश्य में स्ट्रेटेजिक इनसाइट प्राप्त करने का अवसर मिला।
इस कांफ्रेंस का विषय, उन्नत कैरियर संभावनाओं के साथ ग्रेजुएट्स को रोजगार के लिए विकसित करना रहा”, प्रारंभिक सत्र ने इस महत्वपूर्ण चर्चा के लिए मंच तैयार किया, जिसमें निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान, जयपुर के चांसलर और अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. बलवीर एस. तोमर शामिल रहे, जिन्होंने पूर्ण सत्र के वक्ता के रूप में भाग किया। उन्होंने अपने विचारों को तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया, पहला एम्प्लोयेर्स द्वारा आवश्यक कौशल पर आधारित था, दूसरा पाठ्यक्रम में रोजगार योग्यता कौशल को शामिल करने के लिए अच्छी प्रैक्टिस पर आधारित रहा और सबसे महत्वपूर्ण इस पर आधारित था कि विश्वविद्यालय, एंटरप्रेन्योरशिप के लिए स्टूडेंट्स को भविष्य के लिए कैसे तैयार कर रहे हैं।
डॉ. तोमर ने तेजी से बदलते नौकरी परिदृश्य के लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए है, 15 कौशलों को चिन्हित किया, ये कौशल (स्किल्स) ग्रेजुएट्स के लिए अपने करियर में आगे बढऩे और बदलते कार्यबल परिवेश के साथ तालमेल बिठाने के लिए आवश्यक हैं।
विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम को क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ढालना चाहिए, शिक्षा और उद्योग की आवश्यकताओं के एकीकरण को सुविधाजनक बनाने, एंटरप्राइज़ निजीकरण और इन्क्लुसन के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा देने और प्लेसमेंट ड्राइव, सेमिनार और कैरियर कार्यक्रमों जैसी पालिसी को लागू करने के लिए आर्गेनाइजेशन एम्प्लोयेर्स के साथ सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने सेशन में रोजगार के संदर्भ में आर्गेनाइजेशनअल डेवलपमेंट के लिए कहा कि विश्वविद्यालयों को छात्रों को उनकी पहली नौकरी से कहीं अधिक के लिए तैयार करने की आवश्यकता है -उन्हें जीवन भर सीखने और लगातार बदलती नौकरी के लिए अनुकूल बनाने की आवश्यकता है।
डॉ. तोमर ने कहा कि ‘ई-पोर्टफोलियो’को समय की जरूरत बताया, हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां शिक्षा और रोजगार लगातार बदल रहे हैं। डिजिटल युग को ध्यम में रखते हुए – ई-पोर्टफोलियो का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। ई-पोर्टफोलियो भी डिजिटल बैज की पहुंच और उपयोगिता बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है। वे आपके कौशल, सफलताओं और क्षमता को दिखाने का एक शानदार तरीका हैं। ई-पोर्टफोलियो एक पेपर बायोडाटा की सीमा से परे जाते हैं और आपकी पेशेवर और शैक्षणिक यात्रा को अधिक इंटरैक्टिव तरीके से दिखाते हैं। वे न केवल आपको लगातार विकसित हो रहे जॉब मार्केट के साथ अपडेट रहने में मदद करते हैं, बल्कि वे आपको एक व्यक्तिगत ब्रांड बनाने में भी मदद करते हैं जो आपके करियर लक्ष्यों से मेल खाता है।
आईएयूपी के बारे में
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट्स एक विश्वव्यापी संगठन है, जो उच्च शिक्षा की उन्नति और वैश्विक समुदाय में इसके योगदान के लिए समर्पित है। सूचनाओं, सर्वोत्तम प्रथाओं और रणनीतिक दृष्टिकोणों के पारस्परिक आदान-प्रदान के माध्यम से, आईपीयू शैक्षिक प्राप्ति, अनुसंधान और सामुदायिक भागीदारी में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के नेताओं को उनकी नेतृत्व क्षमताओं को मजबूत करने में सहायता करता है। दुनिया भर के संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, आईपीयू उच्च शिक्षा की निरंतर प्रगति और अधिक न्यायसंगत, सूचित और परस्पर जुड़े हुए विश्व की प्राप्ति में योगदान देता है।
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