
नीमच। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज मध्यप्रदेश के नीमच में हैं। वे यहां सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर में सीआरपीएफ दिवस परेड (राइजिंग-डे) में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह कार्यक्रम केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के 86वें स्थापना दिवस समारोह का हिस्सा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा और सीएपीएफ तथा सीआरपीएफ, खासकर इसकी कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) इकाई इसमें अहम भूमिका निभाएगी।”
शाह बोले- सीआरपीएफ है तो विजय सुनिश्चित हैं
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जब भी देश में कहीं भी अशांति होती है। गृहमंत्री होने के नाते मुझे पता चलता है कि सीआरपीएफ का जवान वहां मौजूद है तो मैं निश्चिंत होकर काम करता हूं। मुझे भरोसा है कि सीआरपीएफ है तो विजय सुनिश्चित हैं। गृहमंत्री शाह ने शहीद स्थल पर CRPF के वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद शहीदों के परिवारों, परेड कमांडरों और जवानों के साथ मुलाकात की। उन्होंने खुली जीप में सवार होकर परेड का निरीक्षण किया।
आठ टुकड़ियां परेड में हुईं शामिल
इस मौके पर उनके साथ मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे। समारोह में सीआरपीएफ की 8 टुकड़ियां परेड में शामिल हुईं। गृहमंत्री शाह ने परेड की सलामी ली। इसके बाद गृह मंत्री वीरता पदकों के लिए चयनित सीआरपीएफ कर्मियों को वीरता पदक प्रदान किए।
30 दिन की उम्र से होती है स्पेशल ट्रेनिंग
सीआरपीएफ के-9 स्क्वॉयड में जो डॉग होते हैं, उनकी ट्रेनिंग 30 दिन की उम्र से हो जाती है। कुछ दिनों बाद ही यह ऑपरेशन में शामिल होने लगते हैं। साथ ही दुश्मनों के मंसूबों पर पानी फेरने लगते हैं। के-9 स्क्वॉयड के हर डॉग का एक हैंडलर होता है। हैंडलर का इशारा मिलते ही यह डॉग दुश्मनों पर हमला बोल देते हैं। कई बार के-9 स्क्वॉयड की टीम झुंड में भी अटैक करती है। ऐसे में दुश्मनों को बचना मुश्किल हो जाता है।
सात महीने की उम्र में दिखाया कमाल
वहीं, स्थापना दिवस के मौके पर के-9 स्क्वॉयड में शामिल एक डॉग ने हैंडलर से इशारा मिलने के बाद अकेले विस्फोटक को ढूंढ निकाला। इस दौरान टीम ने सूटकेस की जांच की तो उसमें विस्फोटक निकला है। इनके शौर्य और साहस की कई कहानियां हैं, जिस पर सीआरपीएफ गौरवान्वित महसूस करता है। के-9 स्क्वॉयड के डॉग अपने हैंडलर के प्रति काफी वफादार होते हैं। इन ज्यादा जोखिम वाले अभियान में लगाया जाता है।
6000 किलो ग्राम विस्फोटक पकड़ा
2012 से लेकर अभी तक अलग-अलग ऑपरेशन में शामिल होकर के-9 स्क्वॉयड ने करीब 6000 किमी विस्फोटक पकड़ा है। इस टीम में शामिल डॉग की ट्रेनिंग काफी उच्च स्तरीय होती है।
काफी गौरवशाली है सीआरपीएफ का इतिहास
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि 1939 में सीआरपीएफ का गठन ग्राउंड रिप्रजेंटेटिव पुलिस के नाम से हुआ था। मैं आज इस मंच से सीआरपीएफ के हर जवान को ये कहना चाहता हूं कि कभी भी ये मत भूलना कि आपके नए स्वरूप सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की स्थापना और उसका ध्वज देने का काम महान सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था। उन्होंने कहा कि आज यहां आने से पहले सीआरपीएफ की स्थापना से अब तक 2264 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान अलग-अलग मोर्चे पर देश की सुरक्षा के लिए दिया है। मैं उन सभी को सलामी देकर यहां आया हूं।
देश में जहां अशांति होती, वहां सीआरपीएफ मौजूद
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब भी देश में कहीं अशांति होती है और गृह मंत्री होने के नाते मुझे पता चलता है कि सीआरपीएफ का जवान वहां मौजूद है, तो मैं निश्चिंत होकर अपना बाकी काम करता हूं। क्योंकि, मुझे भरोसा है कि सीआरपीएफ है, तो उसके जवान की विजय सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि दूसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद साल 2019 में हमने निर्णय किया कि सभी सीआरपीएफ का स्थापना दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि मैं आज इस मंच से कहता हूं 31 मार्च 2026 तक इस देश से नक्सलवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। ये प्रण भी सीआरपीएफ की दम पर लिया गया है।