पशुपालन मंत्री ने किया लंपी रोग प्रतिरोधक टीकाकरण अभियान का शुभारंभ

पशुपालन मंत्री
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अभियान के तहत 1 करोड़ ग्यारह लाख गौवंशीय पशुओं का किया जाएगा टीकाकरण

जयपुर। पशुपालन, गोपालन और देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवेदनशील मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार पशुओं के कल्याण के प्रति समर्पित होकर काम कर रही है। कुमावत सोमवार को सांगानेर स्थित पिंजरापोल गोशाला से लंपी रोग से बचाव के लिए राज्य स्तरीय टीकाकरण अभियान के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर कुमावत ने कहा कि लंपी रोग पशुओं के लिए एक जानलेवा रोग है जोे संक्रामक भी है। इससे मुख्य रूप से गोवंश प्रभावित होते हैं और पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

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प्रदेश दो साल पहले इस रोग का दंश झेल चुका है। इसलिए सरकार अब इस रोग से बचाव के लिए सक्रिय होकर कार्य कर रही है। सरकार ने लंपी रोग को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें से टीकाकरण और जागरूकता अभियान मुख्य हैं। टीकाकरण इस रोग से बचाव का एक प्रमुख हथियार है इसलिए राज्य सरकार ने पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया है और आज से प्रदेश में दो महीने का टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है जिससे रोग के प्रसार को समय रहते रोका जा सके। इसके अलावा सरकार ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को लंपी रोग के बारे में जानकारी भी उपलब्ध करा रही है।

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कुमावत ने कहा कि पिछले वर्ष भी दो माह के टीकाकरण अभियान के तहत राज्य की लगभग 95 प्रतिशत गौवंश का टीकाकरण किया गया था जिससे रोग को समय रहते नियंत्रित कर लिया गया था और गौवंश की हानि लगभग नही ंके बराबर हुई थी। वर्ष 2025-26 में 1 करोड़ 11 लाख 57 हजार गौवंशीय पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि लंपी रोग प्रतिरोधक टीकाकरण मानसून पूर्व सम्पादित किया जाना है ताकि समय पूर्व आवश्यक हर्ड इम्यूनिटी प्राप्त की जा सके।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुमावत नेे विभाग की सराहना करते हुए कहा कि इस रोग के सर्वेक्षण, निदान और नियंत्रण के लिए आवश्यक तैयारियां तथा जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टीकाकरण के लिए माइक्रोलेवल प्लानिंग तैयार करने के लिए विभाग द्वारा पूर्व में ही दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं और जिले की माइक्रोलेवल कार्ययोजना के अनुरूप संस्थाओं को उनके कार्य क्षेत्र में अवस्थित गौवंश पशुओं की संख्या के अनुसार टीकाकरण के लक्ष्य आवंटित किए गए हैं।

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