यू.आर.साहू की राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति, राज्यपाल बागडे ने जारी किए आदेश

यू.आर.साहू
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जयपुर। राजस्थान में प्रशासनिक फेरबदल के तहत राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) यू.आर. साहू को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस आशय का आदेश राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने सोमवार को जारी किया। साहू की नई भूमिका के साथ ही अब प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। राजस्थान में RPSC एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था है जो राज्य में विभिन्न सरकारी पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षाओं और इंटरव्यू का संचालन करती है। ऐसे में एक अनुभवी और सख्त छवि वाले अधिकारी का चयन आयोग के अध्यक्ष पद पर किया जाना प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।

ईमानदार अफसर की छवि: कौन हैं यू.आर. साहू? यू.आर. साहू ओडिशा के निवासी और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1988 बैच के अधिकारी हैं। वह फरवरी 2024 में राजस्थान के डीजीपी बनाए गए थे। अपने पूरे करियर में साहू ने कई अहम पदों पर रहते हुए न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने में योगदान दिया, बल्कि भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के विरुद्ध सख्त रुख भी अपनाया।बतौर डीजीपी, साहू की नेतृत्व शैली साफ-सुथरी और निर्णायक रही है। उन्होंने अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम मॉनिटरिंग और पुलिस सुधारों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। इसी वजह से उन्हें राज्य में एक ईमानदार और कुशल प्रशासक के रूप में पहचान मिली।

RPSC को लेकर क्या हैं चुनौतियां? राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) पिछले कुछ वर्षों में कई विवादों और पेपर लीक प्रकरणों के कारण चर्चा में रहा है। आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर उठे सवालों ने इसकी साख पर असर डाला। ऐसे में यू.आर. साहू की नियुक्ति को एक “विश्वास बहाली” की पहल के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि साहू जैसे अधिकारी के आने से आयोग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, अनुशासन और निष्पक्षता की उम्मीद की जा सकती है। RPSC की जिम्मेदारियों में शिक्षक भर्ती, प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा समेत अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाएं शामिल होती हैं। साहू के नेतृत्व में आयोग से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह युवाओं के विश्वास को फिर से स्थापित करेगा।

अब नए डीजीपी की तलाश शुरू: यू.आर. साहू की नई नियुक्ति के साथ ही राज्य में डीजीपी पद खाली हो गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान सरकार किस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपती है। संभावित नामों में कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी चर्चा में हैं, जिनमें एडीजी (मुख्यालय), एडीजी (इंटेलिजेंस), और कुछ रेंज आईजी शामिल हैं। राज्य सरकार को इस संवेदनशील पद के लिए ऐसा अधिकारी चुनना होगा जो कानून-व्यवस्था के साथ-साथ आगामी विधानसभा व निकाय चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित कर सके।

राजनीतिक संकेत भी अहम: यू.आर. साहू की नियुक्ति को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले साहू की छवि पार्टी लाइन से ऊपर एक निष्पक्ष अधिकारी की रही है, और संभवतः यही वजह है कि उन्हें RPSC जैसा संवेदनशील पद सौंपा गया। RPSC अध्यक्ष पद पर उनका कार्यकाल न केवल युवा अभ्यर्थियों के लिए उम्मीद की किरण बन सकता है, बल्कि यह आयोग की साख को दोबारा स्थापित करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा सकता है।

टिप्पणी : राजस्थान में प्रशासनिक तंत्र में साहू जैसे अधिकारियों की नियुक्ति यह संदेश देती है कि सरकार शासन और भर्ती संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दे रही है। RPSC जैसे संवैधानिक निकाय में जब तक नेतृत्व पर विश्वास नहीं होगा, तब तक उसका सामाजिक और व्यावसायिक प्रभाव मजबूत नहीं हो सकता। यू.आर. साहू को मिली यह जिम्मेदारी न केवल उनकी योग्यता का प्रमाण है, बल्कि एक नई उम्मीद का संकेत भी।

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