
पठानकोट के पास मंगलवार को आर्मी का एएलएच धू्रव हेलिकॉप्टर रणजीत सागर डैम में क्रैश हो गया है। 254 आर्मी एविएशन का यह हेलीकाप्टर ट्रेनिंग उड़ान पर था और इसके पायलट को कम ऊंचाई पर उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। हादसे के बाद पायलट और को-पायलट की खोज की जा रही है। हालांकि, पहले यह जानकारी मिली थी कि हादसे में दोनों सुरक्षित हैं। एनडीआरएफ और पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
आर्मी की एविएशन स्क्वाड्रन के धू्रव हेलिकॉप्टर ने मामून कैंट से सुबह 10:20 बजे उड़ान भरी थी। रणजीत सागर डैम के ऊपर हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहा था और वह क्रैश हो गया। पिछले 6 महीने में दूसरी बार स्वदेशी ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। धू्रव हेलीकॉप्टर को भारत में ही विकसित किया गया है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है।

हादसा पंजाब पठानकोट से सटे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रणजीत सागर डैम में हुआ। बोट और गोताखोरों की मदद से हेलिकॉप्टर की तलाश की जा रही है। गहराई ज्यादा होने की वजह से हेलिकॉप्टर की लोकेशन पता नहीं चल पा रही है। पंजाब सरकार का एक शिप निरीक्षण के लिए डैम में ही मौजूद रहता है। इसका इस्तेमाल डैम देखने आने वाले टूरिस्टों को भी घुमाने के लिए किया जाता है। अभी इसकी मदद से हेलिकॉप्टर को ढूंढने की कोशिश की जा रही है।
रणजीत सागर डैम से पंजाब को सिंचाई का पानी और बिजली उपलब्ध कराई जाती है। यहां पावर जेनरेशन का काम पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड करता है। डैम का 60 प्रतिशत हिस्सा जम्मू-कश्मीर में आता है, जबकि 40 प्रतिशत एरिया पंजाब में। यह डैम रावी नदी पर बनाया गया है। रावी पंजाब शाहपुर कंडी से होते हुए अजनाला और फिर पाकिस्तान जाती है। रणजीत सागर डैम के आसपास पंजाब का पठानकोट और जम्मू-कश्मीर का कठुआ जिला आता है।