
शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे मीठा पसंद नहीं। हालांकि, इसे खाने की पसंद लोगों की अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोग जहां सीमित मात्रा में इसे खाते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे बेहिसाब खाते हैं। ज्यादा मीठा खाने का यही शौक या आदत अकसर सेहत के लिए हानिकारक होता है। ज्यादा मीठा डायबिटीज समेत कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। ऐसे में ज्यादातर लोग मीठे के दुष्परिणाम से बचने के लिए अपनी डाइट में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने लगते हैं।कई लोगों का यह मानना है कि सेहत के लिए ज्यादा हानिकारक नहीं है, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। डाइट में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल आपको कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं आर्टिफिशियल स्वीटनर से होने वाले कुछ नुकसान-मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा कुछ अध्ययन बताते हैं कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का नियमित इस्तेमाल करने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है।
वजन बढ़ाए

अगर आप अपनी डाइट में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इससे आपका वजन बढ़ सकता है। दरअसल, इसकी वजह से कैलोरी इनटेक बढ़ जाता है और साथ ही यह भूख कंट्रोल करने की नेचुरल एबिलिटी को भी खत्म करते हैं।
डायबिटीज का खतरा बढ़ाए

कुछ अध्ययनों से पता चला है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में बाधा डाल सकती है, जिससे समय के साथ इंसुलिन रेजिस्टेंस और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
मीठे की क्रेविंग्स बढ़ाए
आर्टिफिशियल स्वीटनर के नियमित सेवन से स्वाद रिसेप्टर्स इंसेंसिटिव हो सकते हैं, जिससे मीठा खाने की क्रेविंग्स बढ़ सकती है, जो ज्यादा खाने और वजन बढऩे में योगदान कर सकती है।
दांतों के लिए हानिकारक
कुछ शोध से पता चलता है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर ओरल माइक्रोबायोटा में परिवर्तन करके या ड्राई माउथ में योगदान करके डेंटल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे कैविटीज और मसूड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
सिरदर्द और माइग्रेन
कुछ लोगों में आर्टिफिशियल स्वीटनर वाले प्रोडक्ट्स खाने के बाद सिरदर्द या माइग्रेन की शिकायत देखने को मिली। हालांकि, अभा इस संबंध में अभी सटीक वजह पूरी तरह से समझा नहीं आई है।
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