आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव संपन्न

आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव
आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव

जयपुर। भारतीय नववर्ष, आर्य समाज स्थापना दिवस एवं महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत वैशाली नगर स्थित गोम डिफेंस कॉलोनी के सामुदायिक भवन प्रांगण में 108 कुंडीय नव संवतसरेष्टि यज्ञ महोत्सव का आयोजन किया गया।

आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव
आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव

यज्ञ ब्रह्मा आचार्य रविशंकर आर्य ने वेद मंत्रो से 108 हवनकुंडों में एक साथ अग्नि प्रज्ज्वलित करवाकर आहुतियां दिलवाई, उन्होंने वेदमत्रों की व्याख्या करते हुए कहा कि ईश्वर ने भोग एवं अपवर्ग के लिए जगत् की रचना की है हमें ईश्वर के बनाए सत्य सिद्धांतों को अपनाते हुए अपने जीवन को सफल करना चाहिए, असत्य व्यवहार को अपनाने से जीवन ही अपवित्र हो जाता है।

आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव
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ईश्वरीय सिद्धांतों से संसार में शांति सद्भाव की स्थापना करते हुए एकता करनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी  करण सिंह तोमर ने की। मुख्य अतिथि श्री विक्रम कुमार जैन ने कहां कि महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन हमें प्रेरणा देने वाला है।

आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव
आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव

जैन ने समाज सेवा एवं योग के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले बजरंग सिंह शेखावत, करण सिंह तोमर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। ज्योति आर्या एवं श्रुति शास्त्री द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी गई, वेदपाल शास्त्री प्रधान आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव
आर्य समाज का यज्ञ महोत्सव

इस अवसर पर आर्य वीर दल संभाग संचालक सुभाष आर्य, जिला संचालक दीपक शास्त्री, कोषाध्यक्ष बंशीधर आर्य, आर्य समाज मानसरोवर के प्रधान सुनील अरोड़ा, विनय झा, हनुमान आर्य, मुकेश कुमावत, वेद प्रकाश, राजेश कुमावत, गोपाल शर्मा, वैदिक वीरांगना दल की डॉ अनामिका शर्मा के विशेष योगदान के कारण मंत्र पट्टिका से उनका स्वागत किया गया।

जिला संचालक दीपक शास्त्री ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ रंजना जैन ने कहा कि प्राचीन भारतीय ऋषि मुनियों की पद्धति से यज्ञ करने पर रोगों को नियंत्रण करने का आत्मबल रोगी को प्राप्त होता है।

यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य रवि शंकर आर्य के अनुसार यज्ञ में 40 से अधिक प्रकार की औषधियां जिनमें सुगंधित, रोगनाशक, पुष्टिकारक मिष्ट, सामग्री से साकल्य एवं समिधाओ से एक साथ सभी हवन कुंडों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 21 हजार आहुतियां प्रदान की गई। शांति पाठ एवं यज्ञ प्रसादी के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।